

बिलासपुर। कांग्रेस ने शुक्रवार देर रात संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए बिलासपुर शहर और जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्षों की घोषणा कर दी। लंबे इंतजार के बाद जारी सूची में शहर कांग्रेस की कमान प्रदेश सचिव सिद्धांशु मिश्रा को सौंपी गई है, जबकि जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी प्रदेश सचिव महेंद्र गंगोत्री को दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, सिद्धांशु मिश्रा के नाम पर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत सहित सभी बड़े नेताओं की सहमति थी। वहीं, ग्रामीण अध्यक्ष के लिए महेंद्र गंगोत्री का नाम कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की मजबूत पैरवी के कारण अंतिम रूप से तय हुआ।

युवक कांग्रेस से जिला अध्यक्ष बनाने की परंपरा कायम
कांग्रेस ने इस बार भी उसी परंपरा को जारी रखा, जिसमें युवक कांग्रेस में सक्रिय रहे नेताओं को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है। इससे पहले भी राजेंद्र शुक्ला और विजय केशरवानी इसी पैटर्न पर ग्रामीण अध्यक्ष बनाए गए थे। अब गंगोत्री, जो युवक कांग्रेस में महत्वपूर्ण पदों पर लंबे समय तक सक्रिय रहे, उसी क्रम में तीसरा नाम बने हैं।
अंडर-50 चेहरों पर दांव
पार्टी ने दोनों अध्यक्ष ऐसे नेताओं को बनाया, जिनकी आयु 50 वर्ष से कम है। यह इस बार के चयन की प्रमुख शर्तों में से एक थी। शहर अध्यक्ष बने सिद्धांशु मिश्रा शहर कांग्रेस में महामंत्री और कोषाध्यक्ष रहे हैं तथा कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के करीबी माने जाते हैं।
जातीय समीकरण: शहर में सामान्य, ग्रामीण में एससी कार्ड
शहर में सामान्य वर्ग के नेता को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अनुमान था कि जिला ग्रामीण में ओबीसी चेहरा सामने आएगा, लेकिन पार्टी ने एससी समाज से महेंद्र गंगोत्री को चुनकर यह संकेत दिया कि वह आगामी राजनीतिक समीकरणों में इस समुदाय को साधना चाहती है।
पड़ोसी जिलों — मुंगेली, कोरबा आदि — में पहले ही ओबीसी समाज के नेताओं को महत्वपूर्ण पद दिए जा चुके हैं। इसी संतुलन के चलते बिलासपुर में यह रणनीति अपनाई गई।
कलेक्टोरेट घेराव में नजर आई थी दोनों की सक्रियता
20 अक्टूबर को कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े कलेक्टोरेट घेराव में सिद्धांशु मिश्रा और महेंद्र गंगोत्री सबसे आगे दिखे थे। खराब सड़क, बिजली बिल, धान खरीदी अव्यवस्था और जमीन दरों में वृद्धि जैसे मुद्दों को लेकर हुए इस आंदोलन में दोनों नेताओं ने बेरिकेड पार करने की कोशिश कर अपनी सक्रियता दिखाकर संगठन पर गहरी छाप छोड़ी थी।
चर्चाओं के अनुसार, इसी प्रदर्शन के बाद से इन्हें जिम्मेदारी मिलने के संकेत मिलने लगे थे। वहीं, पद के अन्य दावेदार आंदोलन में या तो दिखाई नहीं दिए या दूर खड़े रहे।
बिहार चुनाव के कारण अटकी थी सूची
कांग्रेस की 41 जिला अध्यक्षों की सूची पहले ही जारी होनी थी, लेकिन बिहार चुनाव के कारण यह टलती गई। अब राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर से नई सूची देर रात जारी की गई, जिसके साथ ही बिलासपुर संगठन में यह बड़ा बदलाव प्रभावी हो गया।
नए अध्यक्षों की ताजपोशी के बाद अब पार्टी अगले संगठनात्मक चुनाव और आगामी राजनीतिक तैयारियों में तेजी लाने की तैयारी में है।
