
शशि मिश्रा

बिलासपुर। खूंटाघाट नहर लाइन की मरम्मत के चलते अमृत मिशन के तहत मिलने वाली सरफेस वॉटर सप्लाई बंद कर दी गई है, जिसके बाद शहर के आधे से अधिक हिस्सों में पानी का गंभीर संकट गहरा गया है। 30 से अधिक वार्डों में एक समय की सप्लाई बंद होने से लोग सुबह-शाम पानी के लिए बाल्टी और घमला लेकर ठंड में लंबी कतारों में खड़े होने को मजबूर हैं। टैंकर भेजे जा रहे हैं, लेकिन उससे भी लोगों को राहत नहीं मिल रही।
तालापारा, मगरपारा, दयालबंद, तारबहार, राजेंद्र नगर और सरकंडा सहित कई क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है। कई स्थानों पर टैंकर शाम तक पहुंच रहे हैं, जिससे लोगों को देर रात तक परेशान होना पड़ रहा है। हालात को देखते हुए महापौर श्रीमती पूजा विधानी ने सभी जोन कमिश्नरों को अलर्ट रहने और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
खूंटाघाट नहर मरम्मत से बंद हुई सप्लाई
खूंटाघाट जलाशय से अमृत मिशन योजना के तहत सरफेस वॉटर पाइपलाइन से पानी बिरकोना स्थित वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचता है, जहां से लगभग 25 हजार घरों में सप्लाई दी जाती है। नहर में बड़े पैमाने पर रिसाव की मरम्मत के कारण यह सप्लाई पूरी तरह बंद है।
नगर निगम अब मजबूरी में 40 हजार से अधिक घरों को ट्यूबवेल के माध्यम से पानी दे रहा है। साथ ही सुबह-शाम आधा से एक घंटे की कटौती की जा रही है।
पुरानी टंकियों की मरम्मत नहीं, दबाव कम
शहर में 22 बड़ी टंकियां हैं, जिनमें से 4 नई टंकियां अमृत मिशन के तहत बनाई गई हैं। परंतु निगम द्वारा लंबे समय से पुरानी टंकियों की मरम्मत नहीं की गई। पाइप, वाल्व और अन्य उपकरण खराब होने के कारण कई इलाकों में पानी का दबाव बेहद कम है या सप्लाई बंद है।
सप्लाई बंद होने का असर पीजीबीटी कॉलेज, तारबाहर, मगरपारा, तालापारा, भारतीय नगर जैसे क्षेत्रों में ज्यादा देखा जा रहा है।
20 हजार से अधिक अवैध कनेक्शन बढ़ा रहे हैं संकट
शहर के 70 वार्डों में 44,281 सामान्य और 5,502 भागीरथी वैध कनेक्शन दर्ज हैं, लेकिन करीब 20 हजार अवैध कनेक्शन होने का अनुमान है। अमृत मिशन की लाइन बंद होते ही इन अवैध कनेक्शनों के चलते पाइपों का दबाव और कम हो गया है, जिससे नियमित कतारें बनने लगी हैं।
सरकंडा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित
सरकंडा के नूतन चौक, पटवारी प्रशिक्षण केंद्र और अशोक नगर में अमृत मिशन से जुड़ी 6 टंकियों पर करीब 10 हजार घर निर्भर हैं। यहां फिल्टर प्लांट से पानी नहीं पहुंचने के कारण पुराने ट्यूबवेल सिस्टम को फिर से चालू किया गया है।
अरपा के इस पार की 16 पानी टंकियों से लगभग 30 हजार घरों को सप्लाई होती है, जहां अब गंभीर संकट पैदा हो गया है और टैंकरों पर निर्भरता बढ़ गई है।
नगर निगम अलर्ट, फिर भी राहत न के बराबर
नगर निगम के सभी जोन कमिश्नरों को पानी आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखने के निर्देश दिए गए हैं। समस्या वाले इलाकों में टैंकर भेजे जा रहे हैं, लेकिन मांग अधिक होने से यह पर्याप्त नहीं है।
पानी की समस्या कब तक दूर होगी, यह नहर मरम्मत की रफ्तार पर निर्भर है। तब तक शहरवासियों को कम दबाव और सीमित सप्लाई से ही काम चलाना होगा।
