
शशि मिश्रा

बिलासपुर। सरकंडा थाने के ठीक सामने स्थित खेल परिसर में चल रहे ब्राह्मण प्रीमियर लीग का फाइनल मैच रिंकू सिंह की मौजूदगी के कारण चर्चा में था, लेकिन इसी मैदान में शुक्रवार देर रात हुई मारपीट ने आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। यह घटना इस बात का बड़ा सवाल खड़ा करती है कि जब पुलिस थाने के सामने स्थित मैदान में ही सुरक्षा नहीं है, तो शहर के बाकी इलाकों का क्या हाल होगा?
रात 11.30 बजे मैदान में घुसी तेज रफ्तार स्कॉर्पियो
सूत्रों के अनुसार, करबला रोड के व्यापारी और चकरभाठा क्षेत्र के कुछ युवक रात करीब 11.30 बजे मैदान में मौजूद थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो मैदान में घुस आई। आरोप है कि गाड़ी से उतरे आयुष दुबे, नवीन गोस्वामी, शिवम मिश्रा और सुशांत सराफ ने वहां मौजूद युवकों से गाली-गलौज की।
बात इतनी बढ़ी कि देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच लात-घूंसे और मारपीट शुरू हो गई। कुछ देर तक मैदान में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
दोनों समूह थाने पहुंचे, एक-दूसरे पर एफआईआर दर्ज
मारपीट के बाद दोनों पक्ष सीधे सरकंडा थाने पहुंचे और एक-दूसरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने बताया कि घटना स्थल से वीडियो फुटेज जुटाए जा रहे हैं और फुटेज के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आयोजन समिति और सुरक्षा प्रबंधन पर उठे सवाल
मैदान में हुए इस बवाल ने खेल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। आयोजन समिति की लापरवाही भी सामने आई है कि फाइनल मैच के बावजूद मैदान में सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी सुनिश्चित नहीं की गई थी।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि—
“जब थाने के सामने ही ऐसी घटना हो सकती है, तो बाकी मैदानों और सार्वजनिक जगहों में बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?”
घटना के बाद लोगों में आक्रोश है और वे जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
