तोमर परिवार पर कथित अत्याचार को लेकर गरजी करणी सेना, 7 दिसंबर को रायपुर में ‘क्षत्रिय स्वाभिमान न्याय एवं नारी अस्मिता महापंचायत’, डॉ. राज शेखावत ने दी आर-पार की चेतावनी

बिलासपुर। हिस्ट्रीशीटर बताए जा रहे वीरेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी, जुलूस के दौरान कथित अमानवीय व्यवहार और हिरासत में उनकी बहू के साथ हुए कथित अश्लील बर्ताव को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने शनिवार को बिलासपुर में हुई पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए ‘आर-पार की लड़ाई’ की चेतावनी दी।

7 दिसंबर को रायपुर में विशाल महापंचायत का ऐलान

डॉ. शेखावत ने बताया कि इस पूरे प्रकरण के विरोध में
“क्षत्रिय स्वाभिमान न्याय एवं नारी अस्मिता महापंचायत”
7 दिसंबर को रायपुर में आयोजित की जा रही है। करणी सेना छत्तीसगढ़ के गांव-गांव जाकर लोगों को महापंचायत में शामिल होने का न्योता दे रही है।

तोमर परिवार पर अमानवीय बर्ताव का आरोप

शेखावत ने दावा किया—

वीरेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी के पहले पुलिस ने जुलूस निकालकर अमानवीय व्यवहार किया।

हिरासत में उनकी छोटी बहू के साथ एक पुलिस अधिकारी द्वारा अश्लील हरकतें और धमकियां दी गईं।

बहू ने उनसे मिलकर पूरी घटना बताई, जिसे समाज बर्दाश्त नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसी भी परिवार के साथ पुलिस ऐसा बर्ताव करे, यह मंजूर नहीं।
“हम गुजरात से यहां तमाशा देखने नहीं आए। छत्तीसगढ़ के लोगों को आगे किसी पुलिस अधिकारी की तानाशाही झेलनी न पड़े, इसलिए आए हैं।”

“न्यायपालिका से पहले ही प्रहार, यह गलत”

वीरेंद्र सिंह तोमर के ‘हिस्ट्रीशीटर’ होने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा—
“किसी पर आरोप लग जाने से वह दोषी नहीं हो जाता। न्यायपालिका अपना काम करेगी, लेकिन उससे पहले ही तोमर परिवार पर इस तरह का प्रहार क्यों?”

उन्होंने कहा कि पुलिस अपने दायरे से बाहर जाकर काम कर रही है और यह किसी बड़े अधिकारी की अनुमति के बिना संभव नहीं।

एसआईटी गठन और दोषी पुलिसकर्मियों पर FIR की मांग

करणी सेना अध्यक्ष ने मांग रखी—

पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच हो।

एसआईटी का गठन किया जाए।

दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर हो।

सरकार से सीधी बातचीत की अपील

शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित तोमर परिवार से बात करे।
उन्होंने कहा—
“यदि सरकार बातचीत करेगी, तो आगामी चुनावों में क्षत्रिय समाज उनका साथ देगा।”

“समाज सत्य के साथ—अगर आरोप सिद्ध हुए तो समर्थन नहीं”

एक सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि—
“यदि जांच में वीरेंद्र सिंह तोमर पर लगे आरोप सही पाए गए, तो क्षत्रिय समाज उनके साथ खड़ा नहीं होगा। आरोप तो गृह मंत्री पर भी लगते रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं कि बिना जांच किसी को दोषी मान लिया जाए।”

गृह मंत्री के बयान पर पलटवार

गृह मंत्री द्वारा करणी सेना को ‘गिरोह’ कहे जाने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी—
“हम गिरोह नहीं, सनातन धर्म और न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। कुछ लोग पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी देश का नाम रोशन कर रहे हैं।”

डॉ. शेखावत की यह चेतावनी और 7 दिसंबर की महापंचायत के ऐलान के बाद मामला और ज्यादा राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्य सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है और पुलिस व्यवस्था पर उठ रहे सवालों का क्या जवाब देती है।

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