

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। यह सत्र 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक चार दिनों तक चलेगा। नए ड्राफ्ट के अनुसार अब किसी एक धर्म से दूसरे धर्म में जाना आसान नहीं होगा। धर्म परिवर्तन केवल पूरी प्रक्रिया और नियम कानून का पालन करने के बाद ही किया जा सकेगा। नियमों का उल्लंघन करने या जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर जेल के साथ कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।

धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले फॉर्म भरकर जिला प्रशासन को देना होगा। इस फार्म की जांच होगी। फार्म न भरने पर धर्मांतरण अमान्य माना जाएगा। धोखे या लालच से किया गया धर्म परिवर्तन अवैध होगा। बिना अनुमति धर्म बदलकर की गई शादी कानून अमान्य होगी। धर्म परिवर्तन करने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति के धर्मांतरितों को आरक्षण और सरकारी लाभ नहीं मिलेगा। धर्म परिवर्तन करने वालों के परिजनों को भी आपत्ति का अधिकार होगा । अवैध धर्मातारण कराने वालों को 10 साल की जेल और 25, 000 रुपए जुर्माना देना होगा।

एक तरफ सरकार अवैध धर्म परिवर्तन को लेकर कड़े कानून लाने की तैयारी में है तो दूसरी ओर प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों और बिलासपुर में भी अवैध धर्मांतरण का खेल जोरों पर है। वार्ड क्रमांक 42 देवरी खुर्द हनुमान मंदिर के पास भी अवैध चर्च का निर्माण कर लिया गया, जहां रविवार सुबह 4:00 बजे से ही प्रार्थना सभा लगाई गई थी, जिसमें आसपास के गरीब और नासमझ लोग पहुंचे थे। वहीं इस चर्च का स्थानीय लोगों ने विरोध किया और उन्होंने हिंदू संगठनों को भी इसकी सूचना दे दी। मौके पर पहुंचे हिंदू संगठनों के लोगों को देखकर प्रार्थना सभा बंद कर दी गई। वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि जो भी हिंदू इन मिशनरियों के चक्कर में पड़कर धर्मांतरित होंगे उनका बहिष्कार किया जाएगा।

