

छत्तीसगढ़ में दुर्दांत नक्सली कमांडर हि̀ड़मा के एनकाउंटर पर जहां सुरक्षा बलों की सराहना होनी चाहिए थी, वहीं कुछ वामपंथी समर्थित विचारधारा के लोग इसे लेकर सवाल उठाने लगे। इसी विवाद ने राजनीतिक मोड़ तब ले लिया, जब युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सह सचिव प्रीति मांझी द्वारा सोशल मीडिया पर हिड़मा के समर्थन जैसा दिखने वाला पोस्ट सामने आया।
प्रीति मांझी ने अपनी सोशल मीडिया स्टोरी में हिड़मा की तस्वीर लगाते हुए “लाल सलाम कॉमरेड” लिखा था। पोस्ट सामने आते ही यह तेजी से वायरल हो गया और उन्हें तथा कांग्रेस पार्टी को व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा। हिड़मा वही नक्सली कमांडर था, जिस पर झीरम कांड में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की हत्या का आरोप है। ऐसे में कांग्रेस से जुड़े किसी पदाधिकारी द्वारा इस तरह का पोस्ट साझा किया जाना राजनीतिक रूप से भारी विवाद का कारण बन गया।
स्टोरी हटाई, पर स्क्रीनशॉट वायरल — विरोध बढ़ा

अपने पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रियाएं आते देख प्रीति मांझी ने तुरंत स्टोरी हटा दी, लेकिन तब तक इसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर बेतहाशा फैल चुके थे।
प्रदेश में राजनीतिक दलों और आम जनता ने इसे कांग्रेस की आधिकारिक लाइन के खिलाफ बताया और कठोर कार्रवाई की मांग शुरू कर दी।
युवा कांग्रेस ने लिया बड़ा निर्णय — पद से हटाई गईं, जांच समिति गठित
विवाद बढ़ने के बाद युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर दी है।
जांच पूरी होने तक प्रीति मांझी को उनके पद राष्ट्रीय सह सचिव से अस्थायी रूप से हटा दिया गया है।
पार्टी ने स्पष्ट किया कि यह पोस्ट प्रीति मांझी का व्यक्तिगत विचार है और कांग्रेस पार्टी किसी भी रूप में नक्सलवाद या हिंसा का समर्थन नहीं करती।
कांग्रेस का आधिकारिक बयान: “हिड़मा हत्यारा था, संवेदना का कोई प्रश्न नहीं”
कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा:
“हिड़मा झीरम कांड सहित अनेक बर्बर हत्याओं का आरोपी था। संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ हिंसा करने वालों का अंत ऐसा ही होता है। कांग्रेस की उससे किसी प्रकार की संवेदना नहीं है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी हिंसा, नक्सलवाद और आतंकी गतिविधियों का विरोध करती है, इसलिए प्रीति मांझी का पोस्ट कांग्रेस की विचारधारा से मेल नहीं खाता।
प्रीति मांझी की सफाई: “मेरे पोस्ट का गलत अर्थ निकाला गया”
तेज विरोध के बीच प्रीति मांझी ने अपनी सफाई देते हुए कहा:
उनका उद्देश्य नक्सलवाद को बढ़ावा देना नहीं था
वह केवल आदिवासी क्षेत्रों की परिस्थितियों एवं चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करना चाहती थीं
पोस्ट को गलत संदर्भ में लिया गया
हालांकि, राजनीतिक गलियारों में इस स्पष्टीकरण को लेकर भी मतभेद कायम हैं।
एनकाउंटर पर राजनीति तेज
हि̀ड़मा की मौत पर केंद्र और राज्य स्तर दोनों पर राजनीतिक बयानबाज़ी जारी है।
जहां सुरक्षाबलों के अभियान की प्रशंसा हो रही है, वहीं कुछ समूह इसका विरोध कर चर्चा को नया मोड़ दे रहे हैं।
प्रीति मांझी की स्टोरी ने इस बहस को और संवेदनशील बना दिया, जिसके चलते कांग्रेस को भी कठोर कदम उठाने पड़े।
हि̀ड़मा के एनकाउंटर पर शुरू हुआ विवाद अब राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक बहस का कारण बन गया है।
सोशल मीडिया पोस्ट की एक पंक्ति ने पूरी पार्टी को सफाई देने पर मजबूर कर दिया, और एक पदाधिकारी को अपने पद से हाथ धोना पड़ा।
अब सभी की नजर जांच समिति की रिपोर्ट पर है, जो यह तय करेगी कि आगे प्रीति मांझी के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी।
