

तारबाहर थाना क्षेत्र में एक उपभोक्ता के वाहन फाइनेंस से जुड़े गंभीर धोखाधड़ी मामलों में इंडसइंड फाइनेंस बैंक के शाखा प्रबंधक सहित दो लोगों पर अपराध दर्ज किया गया है। पीड़ित की शिकायत पर कोर्ट ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
फरवरी 2016 में कराया था आयशर वाहन का लोन
मुढ़ीपार लोहारपारा निवासी नरेंद्र कुमार (41 वर्ष) ने 5 फरवरी 2016 को इंडसइंड फाइनेंस बैंक से 12.50 लाख रुपये का आयशर वाहन फाइनेंस कराया था।
लोन के लिए 55 किस्तें, प्रति किस्त 31,080 रुपये निश्चित की गई थीं।
लेकिन नरेंद्र का आरोप है कि बैंक ने निर्धारित ईएमआई से ज्यादा—33,100 रुपये प्रति माह वसूलना शुरू कर दिया। उन्होंने समय-समय पर किस्तों का भुगतान भी किया।
फरवरी 2017 में वाहन जब्त, फिर कोर्ट से सुपुर्दनामा में मिला
लगातार किस्त जमा करने के बावजूद फरवरी 2017 में बैंक ने उनका वाहन जब्त कर लिया।
नरेंद्र ने इसकी शिकायत की, जिस पर न्यायालय के आदेश पर वाहन उन्हें सुपुर्दनामा में वापस मिला।
तमिलनाडु में छिपकर कराया आर्बिट्रेशन
नरेंद्र के अनुसार बैंक ने उन्हें बिना सूचना दिए तमिलनाडु में आर्बिट्रेशन (मध्यस्थता) का मामला प्रस्तुत किया।
आर्बिट्रेशन में उनके विरुद्ध 16 लाख 86 हजार रुपये वसूली का निर्णय पारित कर दिया गया।
इस फैसले की जानकारी तब हुई जब हाल ही में जिला कोर्ट से कुर्की वारंट का नोटिस मिला। इसके बाद उन्हें पूरी धोखाधड़ी का पता चला।
2021 में छलपूर्वक वाहन उठाकर बेच दिया गया
पीड़ित ने बताया कि 21 अक्टूबर 2021 को बैंक शाखा प्रबंधक के निर्देश पर वीर बहादुर राय नामक व्यक्ति उनके घर पहुंचा और यह कहकर वाहन ले गया कि उसे यार्ड में खड़ा करना है।
बाद में पता चला कि बैंक ने बिना किसी सूचना या विधिक प्रक्रिया के उनका वाहन बेच दिया।
कोर्ट के आदेश पर FIR
पीड़ित नरेंद्र कुमार ने कोर्ट में आवेदन दिया।
मामले की समीक्षा के बाद अदालत ने तारबाहर थाना पुलिस को—
बैंक मैनेजर और सहयोगी आरोपी
के खिलाफ धोखाधड़ी, छलपूर्वक संपत्ति हड़पने सहित संबंधित धाराओं में अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए।
पुलिस ने कोर्ट आदेश का पालन करते हुए दोनों आरोपियों पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
