

पचपेड़ी क्षेत्र में सरिया सप्लाई के नाम पर टाइल्स व्यवसायी को एक लाख रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा। मामला मंगलवार को सामने आने के बाद व्यापारी ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने फोन नंबर व यूपीआई लेनदेन के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
ठेकेदार बनकर किया सौदा
पचपेड़ी निवासी ईश्वर प्रसाद महिलांगे, जिनकी कन्या छात्रावास के सामने टाइल्स की दुकान है, को 29 अक्टूबर को एक फोन आया। कॉलर ने अपना नाम जयप्रकाश लहरे बताया और खुद को बिलासपुर का ठेकेदार कहते हुए लोहे के सरिया का सौदा तय किया।
ट्रैक्टर से सरिया भेजने का दावा
अगले दिन 30 अक्टूबर को कॉलर ने बताया कि ट्रैक्टर (सीजी 10 बीआर 2026) में 3.5 टन सरिया उनकी दुकान पर भेज दिया गया है। फोन पर उसने ड्राइवर से कॉन्फ्रेंस कॉल पर बात कराई और माल खाली करने के निर्देश दिलवाए।
जैसे ही कुछ बंडल नीचे उतारे गए, कथित ठेकेदार ने पेमेंट की मांग कर दी।
यूपीआई से भेजे 1 लाख रुपये
व्यापारी ने भरोसा करते हुए अपने मोबाइल और अपने मित्र के मोबाइल से दो बार में यूपीआई के माध्यम से कुल 1 लाख रुपये आरोपी के बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।
पेमेंट मिलते ही बदला खेल
पेमेंट मिलते ही ड्राइवर ने अचानक माल उतारना रोक दिया और कहा कि “मालिक ने बताया है कि पेमेंट नहीं आया है।”
कथित ठेकेदार का मोबाइल फोन भी बंद मिला।
समझते देर नहीं लगी कि पूरा मामला ठगी का है।
साइबर हेल्पलाइन में दर्ज कराई शिकायत
पीड़ित व्यापारी ने तुरंत 1930 साइबर हेल्प हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस यूपीआई लेनदेन, कॉल डिटेल्स और ट्रैक्टर नंबर की सत्यता की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में ट्रैक्टर नंबर भी संदिग्ध पाया गया है।
पुलिस ने व्यापारियों और नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि माल की वास्तविक पुष्टि किए बिना किसी भी अनजान व्यक्ति को अग्रिम भुगतान न करें।
