मुस्लिम आशिक ने मां के सामने ही ढाई साल के हिन्दू मासूम को पीट-पीट कर मार डाला और मां छुपाती रही वारदात, लव जिहाद का हैरान कर देने वाला मामला उजागर

आकाश दत्त मिश्रा

मजहबी नफरत का हैरान कर देने वाला मामला रायपुर से सामने आया है तो वहीं कलयुगी मां की भूमिका भी हैरान करने वाली है जो हवस में इस कदर अंधी हो गई कि अपने मासूम बेटे की हत्या आंखों के सामने होती देखती रही और हत्यारे को बचाने में लगी रही। रेशमा नाम की महिला का विवाह दिनेश सेन के साथ हुआ था, जिनका ढाई साल का बच्चा प्रशांत सेन था। इसी बीच रेशम का दिल आसिफ खान पर आ गया और वह अपने पति को छोड़कर अपने बेटे को लेकर आसिफ खान के पास चली गई। अपनी हवस की पूर्ति के लिए आसिफ खान ने रेशम को तो स्वीकार कर लिया लेकिन एक काफिर के बच्चे को वह स्वीकार नहीं कर पाया और दिल ही दिल उससे नफरत करने लगा।

नफरत इस कदर कि उसकी मां रेशमा के सामने ही वह दरिंदगी के साथ ढाई साल के मासूम को बेदर्दी से मारता और यह सब कुछ रेशमा के सामने होता रहा लेकिन वह न सिर्फ खामोश रही बल्कि इस पर पर्दादारी करती रही।

रायपुर, कबीर नगर क्षेत्र, हीरापुर सतनामी पारा में ढाई साल के मासूम की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस ने बताया कि मासूम प्रशांत सेन (उम्र 2 साल 7 माह) की मौत उसके सौतेले पिता द्वारा लगातार की गई पिटाई के कारण हुई। बच्चे के शरीर पर गम्भीर चोटें थीं और पोस्टमार्टम में लगभग 30 हड्डियों के टूटने की पुष्टि हुई है।

एआईआईएमएस में मौत—गंभीर चोटों का खुलासा

मंगलवार दोपहर बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे एआईआईएमएस रायपुर ले जाया गया। डॉक्टरों ने जांच में उसके शरीर पर नाक, छाती, पेट और सिर में गहरी अंदरूनी चोटें पाई। इलाज के दौरान ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों की शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में मौत को स्पष्ट रूप से ‘अननेचुरल डेथ’ यानी हत्या से संबंधित बताया गया है।

आरोपी सौतेला पिता और मां हिरासत मे

पुलिस के अनुसार, बच्चे की मां रेशमी ताम्रकार, जो पहली शादी से हुए बेटे को अपने साथ रखती थी, पिछले कुछ समय से अपने साथी आसिब खान (24 वर्ष) के साथ रह रही थी।
जांच में सामने आया है कि बच्चा पिछले 15 दिनों से लगातार मारपीट और प्रताड़ना झेल रहा था।

आरोप है कि आसिफ़ खान बच्चे को अपने रास्ते का बोझ मानने लगा था। पूछताछ में दोनों ने बच्चे को मारने-पीटने की बात स्वीकार की है।

पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), 238 और 3(5) के तहत हत्या व क्रूरता से संबंधित प्रकरण दर्ज कर लिया है। दोनों को हिरासत में लेकर और भी गहन पूछताछ की जा रही है।

मां क्यों चुप रही?—पुलिस पड़ताल में

स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चा अक्सर चोटिल दिखाई देता था, लेकिन मां हर बार बहाने बनाकर बात को टाल देती थी।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि—

क्या महिला खुद किसी दबाव या भय में थी?

क्या पिछले दिनों भी इसी तरह की हिंसा होती रही?

पड़ोसियों को समय रहते सूचना क्यों नहीं दी गई?

पड़ोसियों की आंखों के सामने पनप रहा था अत्याचार

पड़ोसी बताते हैं कि बच्चे के शरीर पर चोटों के निशान अक्सर दिखते थे। कई बार रोने-चिल्लाने की आवाजें भी आती थीं, लेकिन मां हमेशा “बच्चा गिर गया”, “बीमार है” जैसी बातें कहकर टाल देती थी।

स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि समय पर किसी ने कड़ा कदम उठाया होता, तो शायद मासूम की जान बच सकती थी।

मासूम प्रशांत की मौत से इलाके में आक्रोश

घटना के बाद पूरे इलाके में शोक और गुस्से का माहौल है। लोग मांग कर रहे हैं कि बच्चे को 15 दिनों तक लगातार प्रताड़ित करने वाले आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।

पुलिस का कहना है कि मामले की हर बारीकी की जांच की जा रही है और आरोपियों को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा।

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