

बिलासपुर। शहर में ड्राइवरों के नाम पर आईफोन और गाड़ियां फाइनेंस कराकर उन्हें बेचने वाले शातिर ठग सुवर्णों घोषाल को पीड़ित ड्राइवरों ने दिल्ली से पकड़कर सोमवार को सरकंडा पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी ने 50 से ज्यादा लोगों के नाम पर ठगी की है, लेकिन पुलिस ने अब तक सिर्फ दो मामलों में अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज किया है। बाकी पीड़ितों को अलग-अलग थानों की पुलिस ने कोर्ट जाने की सलाह देकर वापस लौटा दिया।
ड्राइवर तुहिन रॉय, सतीश टंटी, विनय सिंह और अन्य पीड़ितों ने बताया कि सुवर्णों सरकंडा में टूर एंड ट्रैवल्स का काम करता था जिससे उसकी ड्राइवरों से सीधी पहचान बन गई थी। विश्वास जमाने के बाद उसने ड्राइवरों के दस्तावेज और साख का फायदा उठाकर 50 से ज्यादा आईफोन फाइनेंस कराए और उन्हें बाजार में 5–10 हजार कम कीमत पर बेचकर मोटी रकम कमाई।
इसी तरह कई ड्राइवरों के नाम पर कारों की फाइनेंसिंग कराई, जबकि कुछ की निजी गाड़ियां ओला-उबर में लगाने के बहाने अपने पास लेकर दूसरों के पास गिरवी रख दीं। तुहिन रॉय का आरोप है कि उसकी गाड़ी को लेकर की गई ठगी के बाद भी पुलिस ने इसे “हस्तक्षेप योग्य मामला नहीं’’ कहते हुए शिकायत वापस कर दी। वर्तमान में सिर्फ हरेमुरारे यादव और अजय श्रीवास के मामलों में ही FIR दर्ज की गई है।
26 बैंक खाते, आरटीओ दलालों से सेटिंग — बड़े नेटवर्क का खुलासा
जांच में सामने आया कि सुवर्णों की बैंक कर्मचारियों और आरटीओ दलालों से गहरी सेटिंग थी। उनके माध्यम से वह दस्तावेजों का त्वरित ट्रांसफर, फिटनेस और परमिट बनवाता था। आरोपी ने कम से कम 26 बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग कर लोगों को ठगा है। इतना ही नहीं, उसके फरार होने के बाद उसके साथी उसकी संपत्ति का लेन-देन भी कर रहे थे।
50 से ज्यादा लोग ठगी के शिकार, लाखों की देनदारी से परेशान
तुहिन रॉय के अनुसार सुवर्णों ने बिलासपुर, चिरमिरी और अन्य जिलों में भी इसी तरह का नेटवर्क चला रखा था।
30 से ज्यादा ड्राइवरों के नाम पर आईफोन फाइनेंस कराए गए।
20 से ज्यादा लोग ऐसी गाड़ियों की किस्तें भर रहे हैं, जिन्हें सुवर्णों ने उनके नाम पर फाइनेंस कराया था या गिरवी रख दिया था।
कई पीड़ित अब अपनी गाड़ियों और आईफोन की लाखों रुपए की बाकी किस्तें खुद भरने को मजबूर हैं।
पीड़ितों ने पुलिस से पूरे मामले की विस्तृत जांच और अन्य सभी शिकायतों पर FIR दर्ज करने की मांग की है। Meanwhile, पुलिस फिलहाल दो मामलों की विवेचना में जुटी है।
