तोरवा में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक, सुवा नाच महोत्सव में 32 टीमों ने बिखेरी छटा,भोजली महोत्सव समिति का 7वां सुवा नाच महोत्सव संपन्न

तोरवा, बिलासपुर। भोजली महोत्सव समिति तोरवा के तत्वावधान में रविवार को आयोजित 7वां सुवा नाच महोत्सव सांस्कृतिक उत्साह और परंपराओं के रंग में सराबोर रहा। छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य सुवा नाच की भव्य प्रस्तुतियों में कुल 32 टीमों ने भाग लिया। पारंपरिक वेशभूषा में सजी टीमों ने छत्तीसगढ़ महतारी, बिलासा दाई और लोक संस्कृति की झांकियों के साथ दर्शकों को लोककला की समृद्ध विरासत से रूबरू कराया।

पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीमों को समिति द्वारा सम्मानित किया गया।

  • प्रथम पुरस्कार: कोटा ग्रुप – “छत्तीसगढ़ महतारी”
  • द्वितीय पुरस्कार: निगियाडीह, बिलासपुर
  • तृतीय पुरस्कार: श्याम के दीवानी, चाटीडीह
  • चतुर्थ पुरस्कार: मानस शीतला परिवार, धनेली–भाटापारा
  • पाँचवाँ पुरस्कार: जय बुद्धदेव, पंचटिया

सभी प्रतिभागी टीमों को सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

मुख्य अतिथि का संबोधन

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने सुवा नाच जैसे आयोजनों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संरक्षण का महत्वपूर्ण माध्यम बताते हुए कहा कि—

“छत्तीसगढ़ के लोक पर्व और लोकनृत्य हमारी पहचान हैं। ऐसे कार्यक्रम हर जिले में आयोजित होने चाहिए ताकि परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित रहे।”

जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति

कार्यक्रम की अध्यक्षता कोटा विधायक मा. अटल श्रीवास्तव ने की, जबकि मस्तूरी विधायक श्री दिलीप लहरिया, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला तथा बिलासपुर नगर निगम महापौर श्रीमती पूजा विधानी अति विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
विशिष्ट अतिथियों में मोती गंगवानी, शैलेन्द्र यादव, सीनू राव, दिनेश देवागन, श्रीमती विनीता यादव, रेवती यादव, भगवान यादव, पल्लव धर, पूर्तिधर सहित अन्य गणमान्य शामिल थे।

निर्णायक एवं संचालन

निर्णायक मंडल में जयदीप मानिकपूरी, सुनील यादव, गणेश प्रधान, रामजी यादव, मोहन श्रीवास, प्रहलाद दूधेश्वर और गिरीश केवट शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन महेंद्र ध्रुव और शांति सोनी ने किया।

समिति का योगदान

समारोह को सफल बनाने में भोजली महोत्सव समिति तोरवा के पदाधिकारियों—
अध्यक्ष शंकर यादव, संयोजक गंगेश्वर सिंह, सचिव नंदकिशोर यादव, कोषाध्यक्ष सुनील भोई, तथा प्रवीण तरुण, संजय ठाकुर, सहदेव केवट, सुरेश दास, बृजभूषण सरवन, बापी चटर्जी, घनश्याम रजक, यशोदा उईके, संतोषी भोई, रामबाई सैनिक, सुखमत केवट, रामप्यारी पटेल, रेखा दास, बनवासा यादव सहित पूरी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

संस्कृति संरक्षण का संदेश

समिति अध्यक्ष शंकर यादव ने कहा कि सुवा नाच जैसे आयोजन छत्तीसगढ़ की उन लोक परंपराओं को संजीवनी देते हैं, जिन्हें लोग धीरे–धीरे भूलते जा रहे हैं। समिति आगामी वर्षों में भी ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों को और व्यापक रूप में आयोजित करने की तैयारी कर रही है।

तोरवा में आयोजित यह सुवा नाच महोत्सव छत्तीसगढ़ की लोक कला और परंपरा के संरक्षण का प्रभावी उदाहरण बनकर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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