

ज़िला कांग्रेस कमेटी ( ग्रामीण /शहर) द्वारा रेल दुर्घटना में मृत एवं घायल लोगो को न्याय दिलाने के लिए जीएम रेल्वे का घेराव कर बड़ा प्रदर्शन किया ।
कांग्रेसजन सुबह 11.00 बजे से रामलीला मैदान तोरवा एकत्रित होने लगे थे जिसमे तिफरा, बिल्हा, सकरी, बेलतरा, सीपत, मस्तूरी सहित दूर दूर से कांग्रेसजन शामिल हुए , पहले सभा हुई उसके बाद रैली के रूप में कांग्रेजन जीएम कार्यालय घेरने के लिए निकले ।
कांग्रेसजन हाथों में तख्ती लेकर रेल मंत्री की इस्तीफा की मांग कर रहे थे, मृतकों को न्याय देना होगा , जैसे नारे लगाते हुए कांग्रेसजन लगभग दोपहर 1.15 बजे जीएम रेल्वे को घेरने के लिए हजारों की संख्या में कांग्रेसजन कुच किये ,सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे चप्पे पर पुलिस और आरपीएफ के जवान तैनात थे ,डीआरएम कार्यालय गेट के सामने गेट बंद कर पुलिस खड़ी थी , आगे बढ़ते हुए भीड़ सीधा जीएम रेल्वे कार्यालय पहुंच कर जोरदार प्रदर्शन की गेट में पुलिस चुस्त-दुरुस्त हो कर खड़ी थी आरपीएफ के जवान भीड़ को हटाने के लिए हल्का फुल्का लाठी चार्ज भी किये ,जिससे शांतिपूर्वक आंदोलन को उकसाने का कान आरपीएफ के जवान कर रहे थे, जिससे कांग्रेसजनों से बहस बाज़ी भी हुई ,किन्तु कांग्रेस जनो की संख्या इतनी अधिक थी कि पुलिस और आरपीएफ के जवान मजबूर दिखने लगे ,
कांग्रेसजन कार्यालय के गेट के ऊपर खड़े होकर , जीएम मुर्दाबाद , मृतो को न्याय देना होगा जैसे नारे लगाते रहे , किन्तु जीएम की तरफ से कोई भी सक्षम अधिकारी बातचीत के लिए बाहर नही आया तो कांग्रेसजन जीएम कार्यालय के सामने ही चक्का जाम कर दिए और ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी,शहर अध्यक्ष विजय पांण्डेय ,मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया सहित ब्लॉक कांग्रेस कमेटी महिला कांग्रेस,सेवादल,युवा कांग्रेस, एनएसयूआई ,सहित अनुषांगिक संगठन के कार्यकर्ता सड़क पर ही बैठ कर विरोध प्रदर्शन करने लगे ,अचानक चक्का जाम होने से आने जाने वालों कुछ असुविधा होने लगी , जब कांग्रेसजनो के सड़क पर बैठने से रेल प्रशासन में हरकते हुई ,क्योकि पल पल की जानकारी केंद्रीय स्तर पर दिया जा रहा था ,

चक्काजाम के लगभग एक घण्टे बाद डीजीएम सुधीर कांत माथुर , आंदोलन कर्ताओ से मिलने के लिए बाहर आये ,और सड़क पर बैठे कांग्रेसजनों के साथ बैठ कर ज्ञापन लिए और आश्वस्त किया कि आपकी मांगो को ऊपर तक पहुंचाएंगे ।
डीपी विप्र महाविद्यालय की स्टूडेंट का भी देहांत हो गया था , इसलिए घेराव के समर्थन में बड़ी संख्या में छात्राएं शामिल हुई ।
ज़िला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि
रेल्वे का व्यवहार सहयोगात्मक न होकर ,तानाशाह जैसा है रेल ज़ोन के लिए इस शहर ने अपना सब कुछ न्योछावर किया है पर सुविधा और व्यवस्था के नाम पर जनता और यात्री परेशान है जबकि सबसे अधिक आय देने वाला ज़ोन है ,04 नवम्बर की रेल दुर्घटना ने रेल्वे के सभी दावे को झुठला दिया है ,अभी तक जनता को सुरक्षा कवच के नाम गुमराह किया जाता रहा और अडानी की ढुलाई को प्राथमिकता में रखते हुए एक ही ट्रैक में कई कई गाड़ियां चलाई जा रही है जो यात्रियों की जान के साथ बड़ा खिलवाड़ है ,
जब सुरक्षा कवच नही है तो फिर एक ही ट्रैक में कई कई गाड़ी चलाने का आदेश किसने दिया ,आज भी ये अनवरत चल रहा है और यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे है ,
कांग्रेस मांग करती है कि मृतक परिवारों को एक एक करोड़ की मुआवजा एवं एक सदस्य को नियमित नौकरी दी जाए ,साथ ही गम्भीर घायल लोगो को 50-50 लाख की मुआवजा साथ ही सामान्य गम्भीर है उन्हें 10-10 लाख की मुआवजा दी जाए ।
शहर अध्यक्ष विजय पांण्डेय ने कहा कि रेल प्रशासन का रवैया जनता के अनुकूल नही है इससे पहले भी लोग रेल्वे के व्यवहार से परेशान है ,रेल्वे ने कालोनियों के अप्रोच रोड को बंद कर दिया है ,इसी प्रकार रेल कर्मचारी कोई भी सामाजिक काम अपने घर के सामने टेंट लगा कर करते है तो उनसे 5000 रुपये लिया जाता है सेरसा मैदान केवल अधिकारियों के लिए है जो अंग्रेजियत व्यवस्था को बताता है जबकि नार्थ इंस्टीटूट की स्थिति खेलने लायक नही है रेल प्रशासन को सुधार करने की जरूरत है स्टैंड में आये दिन यात्रियों के साथ बदतमीजी की जाती है क्योंकि पर्याप्त व्यवस्था नही है।

मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने कहा कि बिलासपुर शहर में जितने भी केंद्रीय संस्थान है ,तानाशाह बन चुके है ,चाहे गुरु घासीदास विश्वविद्यालय हो चाहे रेल्वे या अन्य संस्थान हो ,उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता की सुविधा से कोई लेना देना नही ,रेलवे और केंद्रीय विश्वविद्यालय शुरू विवादित बने हुए है ,किन्तु छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है कि केंद्रीय मंत्री होते हुए भी ये संस्थाए तानाशाह जैसा व्यवहार कर रहे है ,केंद्रीय मंत्री तोखन साहू जी क्यो मजबूर है समझ से परे है ,जबकि विश्वविद्यालय में छात्र अर्सलान और प्रोफेसर की मौत हो गई कोई एफआरआई नही और रेल दुर्घटना में एक दर्जन मौत होने के बाद भी जिम्मेदारी किसी की नही क्यो?

ज़िला अध्यक्षग्रामीण विजय केशरवानी,शहर अध्यक्ष विजय पांण्डेय,मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया,देवेंन्द्र सिंह,विश्वम्भर गुलहरे,भरत कश्यप, ऋषि पांण्डेय,समीर अहमद,नसीम खान, अब्दुल इब्राहिम, राजा व्यास,सुनील सिंह,सैय्यद निहाल,किरण कश्यप,साई भास्कर,अभिलाष रजक,मोती ठारवानी, जावेद मेमन,विनोद साहू, अरविंद शुक्ला,
सुधांशु मिश्रा जगदीश कौशिक, लक्ष्मी नाथ शाहू , राजेंद्र शाहू नीरज जायसवाल, जितेंद्र पांडे गीतांजलि कौशिक, राजेन्द्र धीवर, भोलाराम साहू, झगरराम सूर्यवंशी, आदित्य दीक्षित, शेख़ निज़ामुद्दीन दुलारे शेरू असलम , जय किशन यादव ( राजू यादव) राजू सिदार, शीतल जायसवाल, मनहरण कौशिक, पवन साहू, अमित यादव, पुष्पेन्द्र साहू, सुनील सोनकर, मोहन श्रीवास, आकाश यादव, परदेशी राज,गौरीशंकर यादव, रामप्रकाश साहू, शिल्पी तिवारी, प्रीति पाटनवार , प्रमोद जयसवाल विक्की यादव विकास सिंह किरण धुरी, मनीष गढ़ेवाल, रुपनारायण बच्छ, बालचंद साहू, रवि साहू, रविन्द्र डाहिरे, संजीव पाल, रामायण रजक, सूरज मरकाम, नागेंद्र धुव्र, लखन टण्डन, सत्यनारायण सर्वे, रमाकांत साहू, महेश ठाकुर, राजेश साहू, सचिन भवानी, उदल सूर्यवंशी, परमेश्वर मीरी अंकित प्रजापति, तिलक नेताम, अशोक सूर्यवंशी, भरत पटेल, फरीद खान बबली, राजा रावत, रवि रावत,सीमा घृतेश,स्वर्णा शुक्ला,रजनी आगर, प्रियंका यादव,ओम कश्यप,शंकर यादव,किशोर घोरे,सीताराम जायसवाल,दुलारे,आजम शेख, हिमांशु कश्यप,हेरि डेनिएल,वसीम बक्श आदि उपस्थित रहे।
