

बिलासपुर | सरकंडा थाना क्षेत्र के बसंत विहार कॉलोनी में बुधवार देर शाम धर्मांतरण को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। बताया जा रहा है कि एसईसीएल में पदस्थ एक ड्राइवर ने अपने घर पर प्रार्थना सभा के नाम पर कार्यक्रम रखा था, जिसमें बहतराई और खमतराई क्षेत्र के दर्जनभर से अधिक लोग शामिल हुए थे। सूचना मिलने पर हिंदू संगठनों के सदस्य और पुलिस मौके पर पहुंची। जांच के बाद पुलिस ने एसईसीएल के ड्राइवर राजेंद्र खरे को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रार्थना सभा के दौरान धर्मांतरण का आरोप
जानकारी के अनुसार, बसंत विहार कॉलोनी निवासी राजेंद्र खरे, जो एसईसीएल में ड्राइवर के पद पर कार्यरत है, ने बुधवार शाम अपने सरकारी क्वार्टर में प्रार्थना सभा आयोजित की थी। इसमें बहतराई और खमतराई क्षेत्र से आर्थिक रूप से कमजोर तबके के पुरुष, महिलाएं और करीब 7 से 8 बच्चे भी शामिल हुए थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सभा के दौरान राजेंद्र खरे प्रतिभागियों को हिंदू धर्म के खिलाफ बातें बताते हुए अपने धर्म की आस्था और मान्यताओं को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा था।
खिड़की से झांकने पर हुआ खुलासा
पास ही रहने वाले छत्रपाल साहू ने बताया कि उन्होंने खिड़की से देखा कि कमरे में 10 से 12 लोग मौजूद थे और राजेंद्र खरे उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए समझा-बुझा रहा था। उनका कहना है कि वह लोगों को हिंदू धर्म के बारे में भ्रामक बातें बता रहा था और अपने धर्म की महिमा का गुणगान कर रहा था।
छत्रपाल ने तत्काल इसकी सूचना हिंदू संगठन के पदाधिकारियों और सरकंडा पुलिस को दी।
पुलिस और हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे
सूचना मिलते ही सरकंडा पुलिस दल और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। घर के अंदर सभा होती देख पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी उपस्थित लोगों से पूछताछ की। बाद में पुलिस ने एसईसीएल कर्मी राजेंद्र खरे को हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया।
थाने में जुटी भीड़, बढ़ा तनाव
घटना की जानकारी फैलते ही रात में सरकंडा थाने में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और आसपास के लोग बड़ी संख्या में जमा हो गए। पुलिस ने स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त बल बुलाया और लोगों को समझाइश देकर शांत कराया।

कुकुर्दी खुर्द में भी धर्मांतरण का मामला
इसी तरह पचपेड़ी थाना क्षेत्र के ग्राम कुकुर्दी खुर्द में संजय दांडेकर के घर पर ईसाई धर्म की प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी जहां बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों का ब्रेन वॉश संजय दांडेकर और रिरिक लहासकर कर उन्हें धर्मांतरित करने का प्रयास कर रहे थे। सूचना मिलने पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और पुलिस को भी इस की सूचना दी। गांव में महिला, पुरुष और बच्चों की हाथ में बाइबल और ईसाई साहित्य धमाकर उन्हें अवैध रूप से धर्मांतरित करने का प्रयास किया जा रहा था। पुलिस ने प्रार्थना सभा बंद कराया, साथ ही संजय डांडेकर और रिरिक लाहस्कर के खिलाफ मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
