
शशि मिश्रा

बिलासपुर ,अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में तीन महीने से रहस्यमय ढंग से गायब 17 वर्षीय किशोरी का मामला अचानक सनसनीखेज खुलासा बन गया। पुलिस ने तकनीकी जांच के आधार पर नाबालिग प्रेमी को हिरासत में लिया तो उसने हत्या का खौफनाक राज उजागर कर दिया—शादी के दबाव पर हुई तकरार, रास्ते में गला दबाकर हत्या और चिरंगा नाले के जंगल में दो चट्टानों के बीच शव दफनाना। तीन महीने बाद जिस जगह पुलिस आरोपी को लेकर पहुंची, वहां किशोरी का शव कंकाल के रूप में मिला, कपड़े और अवशेषों के साथ। इस वीभत्स अपराध ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है।
अंबिकापुर: तीन महीने से गायब किशोरी की गुमशुदगी ने लिया खतरनाक मोड़
अंबिकापुर शहर के पटपरिया इलाके में किराए के मकान में सहेली के साथ रहकर काम कर रही 17 वर्षीय किशोरी 3 अगस्त को अचानक गायब हो गई थी। सहेली उस दिन अपने गांव गई हुई थी, और किशोरी अकेली थी। परिजनों को जब कई दिनों तक उसका कोई पता नहीं चला, तब 10 सितंबर को गांधीनगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच प्रेम-प्रसंग के एंगल से भी शुरू की, क्योंकि उसके मोबाइल की कॉल डिटेल्स में एक नाबालिग लड़के से लगातार बातचीत की पुष्टि हुई थी।
प्रेम संबंध, मुलाकातें और तनाव
किशोरी का परिचय लुंड्रा थाना क्षेत्र के ग्राम ससौली निवासी एक नाबालिग लड़के से हुआ था। दोनों के बीच मोबाइल पर बातचीत होती थी और आरोपी का किशोरी के किराए के कमरे में आना-जाना था। घटना वाले दिन, यानी 3 अगस्त को, जब सहेली गांव गई हुई थी, लड़का उससे मिलने आया। बातचीत के दौरान किशोरी ने शादी करने का दबाव बनाया। आरोपी ने नाबालिग उम्र का हवाला देते हुए मना कर दिया। तनाव बढ़ते देख वह उसे बाइक पर घुमाने ले गया, और दोनों बतौली थाना क्षेत्र के बुढ़ाआमा पिकनिक स्पॉट तक पहुंचे।
रास्ते में गुस्से का घातक विस्फोट — गला दबाकर हत्या
पिकनिक स्पॉट से लौटते समय दोनों के बीच फिर बहस बढ़ गई। इसी दौरान आरोपी नाबालिग ने गुस्से में किशोरी का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद उसने बाइक से शव को बतौली क्षेत्र के चिरंगा जंगल की ओर ले जाकर एक सुनसान नाले के किनारे दो बड़ी चट्टानों के बीच फेंक दिया और मिट्टी से ढककर दफन कर दिया। इसके बाद वह सीधे अपने गांव लौट गया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
किशोरी घर नहीं लौटी, परिजनों की बेकली बढ़ी — पुलिस ने दर्ज की गुमशुदगी
4 अगस्त को जब किशोरी घर नहीं लौटी, परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। हर जगह खोजबीन के बावजूद कुछ पता नहीं चला। 10 सितंबर को गुमशुदगी का मामला दर्ज हुआ। जांच में सामने आया कि उसका मोबाइल लगातार बंद आ रहा था। पुलिस ने मोबाइल ट्रेस पर लगा रखा था और रिमोट लोकेशन में ट्रैकिंग जारी थी।
तकनीकी जांच ने खोला राज — ‘सिम कार्ड स्वैप’ से मिल गया सुराग
पुलिस की उम्मीदें तब जागीं जब अचानक किशोरी के मोबाइल में नया सिम कार्ड एक्टिव दिखा। यह लोकेशन आरोपी नाबालिग लड़के की मिली। पुलिस ने उसे तुरंत हिरासत में ले लिया। पूछताछ में वह शुरू में गुमराह करता रहा, मगर तकनीकी साक्ष्यों के दबाव में टूट गया और हत्या की बात स्वीकार कर ली।
पुलिस के सामने खोला पूरा घटनाक्रम, आरोपी को मौके पर ले जाया गया
आरोपी ने बताया कि उसने बुढ़ाआमा से लौटते वक्त हत्या की और चिरंगा नाले के किनारे दो चट्टानों के बीच शव दफन किया। पुलिस टीम उसे लेकर आज मौके पर पहुंची और वहां से मिट्टी के ढेर के बीच से कंकाल और कपड़े बरामद किए। बदबू और अवशेषों की स्थिति से साफ था कि शव महीनों पुराना था। कपड़े और कंकाल दोनों को कब्जे में लेकर पुलिस ने जब्त किया।
कंकाल की बरामदगी के बाद कोहराम — परिजन बेहाल
शव की बरामदगी की सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे। कंकाल देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पुलिस ने अवशेषों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच जारी है।
अंबिकापुर की इस सनसनीखेज वारदात ने प्रेम-प्रसंग की आड़ में छिपे एक नाबालिग अपराध की भयावह सच्चाई को सामने ला दिया है।
