

बिलासपुर। जिला सहकारी बैंक की तोरवा मंडी शाखा में ढाई करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। बैंक प्रबंधन ने शाखा में कार्यरत लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर खुशबू शर्मा को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जांच में उनके खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितता के प्रमाण मिलने पर यह कदम उठाया गया। बैंक अब उनसे पूरी राशि की वसूली भी करेगा।
इसके साथ ही बैंक प्रशासन ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की है। पांच शाखा प्रबंधक — सुनील पनारे, देवदत्त साहू, चंद्रकुमार तिवारी, उमेश शुक्ला, हितेश सलूजा — और दो कंप्यूटर ऑपरेटर — मनोज कश्यप व विभा रानी — की तीन-तीन वेतनवृद्धियां रोकने का आदेश जारी किया गया है।
सात साल तक चलता रहा खेल
खुशबू शर्मा वर्ष 2012 से बैंक में कार्यरत थीं और 2014 में उन्हें कैशियर बनाया गया था। आरोप है कि उन्होंने 2015 से 2022 तक किसानों से जमा की गई राशि को पासबुक में तो दर्ज किया, लेकिन उसे बैंक खाते में जमा नहीं किया। इस दौरान वे करीब ढाई करोड़ रुपये की राशि का गबन करने में सफल रहीं।
यह गड़बड़ी लंबे समय तक छिपी रही, क्योंकि किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। मामला तब उजागर हुआ जब एक किसान ने शाखा प्रबंधक हितेश सलूजा से शिकायत की। जांच के बाद पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ और वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई।
पति भी बर्खास्त हो चुका है
खुशबू शर्मा के पति शशांक शास्त्री भी पहले जिला सहकारी बैंक की सदर बाजार शाखा में कार्यरत थे। उन पर बैंक के कंप्यूटर आईडी का दुरुपयोग कर 40 लाख रुपये के गबन का आरोप था। जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें दो वर्ष पूर्व बर्खास्त किया गया था।
बैंक प्रबंधन ने कहा है कि वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आगे भी ऐसी कार्रवाइयाँ जारी रहेंगी।
