सीयू छात्र अर्सलान अंसारी की मौत में बड़ा खुलासा: सिर पर एंटीमॉर्टम चोट, हत्या की आशंका गहराई, पुलिस ने डॉक्टरों की रिपोर्ट पर उठाई आपत्तियाँ, 4 बिंदुओं में भेजी क्वेरी

आकाश दत्त मिश्रा

गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विवेकानंद हॉस्टल में 21 अक्टूबर से लापता हुए छात्र अर्सलान अंसारी (24) की मौत अब संदिग्ध होती जा रही है। पोस्टमार्टम करने वाली चार डॉक्टरों की टीम ने रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि अर्सलान के सिर पर मौत से पहले चोट लगी थी। यह विवरण पूरे मामले को संभावित दुर्घटना से हटाकर हत्या की तरफ मोड़ रहा है। हालांकि मृत्यु का अंतिम कारण रासायनिक, ब्लड और ऊतक परीक्षण आने के बाद ही तय होगा।
पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए डॉक्टरों को चार प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है।

क्या है पूरा मामला?

विवेकानंद हॉस्टल का छात्र अर्सलान 21 अक्टूबर शाम 5 बजे वीडियो कॉल पर बात करते हुए बाहर निकला और वापस लौटकर कमरे में नहीं पहुँचा।
23 अक्टूबर को उसका शव हॉस्टल के पीछे स्थित तालाब में मिला। टी-शर्ट देखकर छात्रों ने शव की पहचान की आशंका जताई और परिवार को सूचना दी।
छोटे भाई गौहर ने 25 अक्टूबर को बिलासपुर पहुंचकर और पिता अरशद अंसारी ने 26 अक्टूबर को शव की पहचान की।

शुरुआत में पुलिस ने अनुमान लगाया था कि अर्सलान तालाब में गिरा होगा और पत्थर से टकराकर उसकी मौत हुई होगी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एंटीमॉर्टम (जीवित अवस्था में) चोट का उल्लेख मिलने के बाद हत्या की संभावना मजबूत हो गई है।

पुलिस ने डॉक्टरों से पूछे ये 4 सवाल

पुलिस ने जिन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण माँगा है, वे आमतौर पर कोर्ट में बचाव पक्ष द्वारा उठाए जाने वाले सवाल माने जाते हैं—

  1. किस आधार पर सिर की चोट को एंटीमॉर्टम माना गया?
  2. किस वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया?
  3. किस प्रकार के आघात या कारण से यह चोट आ सकती है?
  4. क्या यह चोट मृत्युकारक थी या दुर्घटनावश संभव लगती है?

विशेषज्ञों का मत है कि पुलिस द्वारा ऐसे सवाल पूछना दर्शाता है कि वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट को स्वीकारने में संकोच कर रही है, जिससे जांच की दिशा पर सवाल उठ रहे हैं।

फिर पहुँची फोरेंसिक टीम, क्राइम सीन का दोबारा अध्ययन

शनिवार को एफएसएल टीम फिर घटनास्थल पर पहुंची। तालाब का गहराई और शेप देखा गया तथा यह भी जांची गई कि पानी में या किनारे कोई नुकीली वस्तु थी या नहीं।
अभी तक फोरेंसिक विशेषज्ञों ने अपना अंतिम मत पुलिस को नहीं दिया है।

परिजनों की गंभीर आरोप: हत्या की सुनियोजित आशंका

अर्सलान के परिवार का कहना है कि शुरू से ही उन्हें हत्या का संदेह था।
भाई गौहर को हॉस्टल में प्रवेश नहीं दिया गया और न ही उन्हें अर्सलान के दोस्तों से मिलने दिया गया। यह व्यवहार परिजनों को संदेहास्पद लग रहा है।

प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल, वार्डन पर कार्रवाई नहीं

हॉस्टल से छात्र के आने-जाने का रिकॉर्ड एडमिन वार्डन डॉ. महेश ढपोला और वार्डन प्रो. जय सिंह के पास होता है।
21 अक्टूबर की शाम से अर्सलान गायब था, फिर भी—

  • रात 9 बजे की अटेंडेंस में उसकी गैरमौजूदगी दर्ज नहीं की गई
  • न अगले दिन उसकी खोजबीन हुई
  • शव मिलने पर भी वार्डनों व चीफ वार्डन की गंभीरता पर सवाल उठे
  • 10 दिन बीतने के बाद भी दोनों वार्डनों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
  • सिर्फ केयरटेकर को हटाकर मामला शांत करने की कोशिश की गई

छात्रों और अभिभावकों में नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि शव मिलने के बाद भी कुलपति व चीफ वार्डन एक सार्वजनिक समारोह में नाचते दिखाई दिए, जिसे अत्यंत असंवेदनशील माना जा रहा है।

जांच जारी, कई सवाल अनसुलझे

पोस्टमार्टम में एंटीमॉर्टम चोट का खुलासा होने के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
फोरेंसिक रिपोर्ट, रासायनिक विश्लेषण और पुलिस की आगे की कार्रवाई ही यह तय करेगी कि अर्सलान की मौत दुर्घटना थी या सुनियोजित हत्या

चूंकि कई महत्वपूर्ण बिंदु अब भी स्पष्ट नहीं हैं, विद्यार्थियों और परिजनों ने निष्पक्ष व तेज जांच की मांग उठाई है।

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