
शशि मिश्रा

बिलासपुर। मस्तुरी में हुए गोलीकांड मामले में बिलासपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से देशी पिस्टल, कट्टा, मैगजीन, कारतूस और मोबाइल फोन सहित बड़ी मात्रा में आपराधिक सामग्री जब्त की है। बताया जा रहा है कि यह हमला आपसी रंजिश और इलाके में वर्चस्व की लड़ाई के चलते किया गया था।

घटना के खुलासे में बिलासपुर पुलिस की ए.सी.सी.यू. (सायबर सेल) और थाना मस्तूरी की संयुक्त टीम ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालकर नकाबपोश हमलावरों की पहचान की और कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मुख्य आरोपियों तक पहुंच बनाई।

घटना की पृष्ठभूमि
मिली जानकारी के अनुसार, मस्तुरी निवासी नितेश सिंह और आरोपी विश्वजीत अनंत के परिवार के बीच लंबे समय से जमीन की खरीद-बिक्री, अतिक्रमण और राजनीतिक वर्चस्व को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों ने पहले भी एक-दूसरे के खिलाफ मस्तुरी और सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज कराए थे।

इसी विवाद को लेकर आरोपी विश्वजीत अनंत ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर नितेश सिंह और उसके सहयोगियों की हत्या की साजिश रची। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने नितेश सिंह की दिनचर्या का बारीकी से निरीक्षण किया था। 25 अक्टूबर को भी हमला करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह प्रयास असफल रहा। इसके बाद 28 अक्टूबर की शाम करीब छह बजे आरोपियों ने दो मोटरसाइकिलों में सवार होकर मस्तुरी जनपद पंचायत कार्यालय के सामने बैठे नितेश सिंह और उनके साथियों पर फायरिंग कर दी।

अचानक हुई इस फायरिंग में नितेश सिंह के साथ मौजूद राजू सिंह और चंद्रभान सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को तत्काल इलाज के लिए अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया गया।
गिरफ्तार आरोपी —
1️⃣ विश्वजीत अनंत पिता स्व. बलराम अनंत (29 वर्ष), निवासी ग्राम मोहतरा
2️⃣ अरमान उर्फ बलमजीत अनंत पिता स्व. बलराम अनंत (29 वर्ष), निवासी ग्राम मोहतरा
3️⃣ चाहत उर्फ विक्रमजीत पिता स्व. बलराम अनंत (19 वर्ष), निवासी ग्राम मोहतरा
4️⃣ मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफीस पिता मोहम्मद मुख्तार (29 वर्ष), निवासी भारतीय नगर, वार्ड 24, सिविल लाइन, बिलासपुर
5️⃣ मोहम्मद मतीन उर्फ मोंटू पिता मोहम्मद मुख्तार (22 वर्ष), निवासी अटल आवास, कोनी
6️⃣ और 7️⃣ दो विधि से संघर्षरत किशोर

जप्त सामग्री —
पुलिस ने आरोपियों से 2 देशी पिस्टल, 1 देशी कट्टा, 5 मैगजीन, 4 जिंदा कारतूस, 13 खाली खोखे, 10 बुलेट और 5 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

षड्यंत्र और पैसों का लेनदेन
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि तारकेश्वर पाटले नामक व्यक्ति ने आरोपी विश्वजीत अनंत को ₹1 लाख नगद दिए थे, जिसे उसने अपने साथियों में बांटा था। पुलिस इस वित्तीय लेनदेन की पुष्टि कर रही है और अन्य संभावित आरोपियों की तलाश जारी है।
पुलिस की सफलता
इस पूरे मामले की विवेचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के नेतृत्व में की जा रही है। उनके निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा और एसडीओपी कोटा श्रीमती नूपुर उपाध्याय ने संयुक्त टीम गठित की थी। टीम ने तकनीकी विश्लेषण और स्थानीय सूचना नेटवर्क के माध्यम से आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया।

पुलिस ने बताया कि घटना में प्रयुक्त फायर आम्र्स को फॉरेंसिक जांच हेतु भेजा गया है। साथ ही हमले में शामिल अन्य व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। सभी गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ धारा 109, 3(5) बी.एन.एस. एवं 25, 27 आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बिलासपुर पुलिस ने कहा है कि किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी, रंजिश या वर्चस्व की लड़ाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे तत्वों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि जिले में शांति और कानून-व्यवस्था कायम रहे।

दोनों के बीच है पुरानी दुश्मनी

हमला करने वाला और जिस पर हमला हुआ है दोनों ही कांग्रेस के नेता है, जिनके बीच पुरानी दुश्मनी रही है। मामले का आरोपी युवक कांग्रेस का नेता विश्वजीत अनंत है तो वही जिस पर हमला किया गया है वह जनपद उपाध्यक्ष है । दोनों के बीच पुरानी राजनीतिक दुश्मनी है तो वहीं जमीन कारोबार का विवाद भी प्रमुख वजह है। संगठन में पद की लड़ाई की वजह से विश्वजीत अनंत और नितेश सिंह की कांग्रेस भवन में 2 साल पहले लड़ाई हुई थी। फिर दोनों पक्षों ने बिलासपुर रामा मैग्नेटो मॉल के सामने मारपीट की। इस दौरान कहा गया कि विश्वजीत अनंत पर नितेश सिंह ने जानलेवा हमला किया। इस मामले में पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की थी। इसके बाद नितेश सिंह और उसके साथियों को जेल भी हुई। जब नितेश सिंह को जमानत मिल गई तो विश्वजीत अनंत उससे खुन्नस रखने लगा और उसने अपने परिवार के सदस्यों और साथियों के साथ मिलकर नितेश सिंह को सबक सिखाने का निर्णय लिया। इसके बाद इस घटना को अंजाम दिया गया।

