कोनी स्थित कुमार स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव शासकीय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की प्रथम वर्षगांठ पर गिनाई गई अब तक की उपलब्धियां , जल्द ही अस्पताल के पूरी क्षमता के साथ सेवा देने की जताई गई उम्मीद

प्रवीर भट्टाचार्य

कोनी स्थित कुमार स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव शासकीय सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल स्थापना के प्रथम वर्ष गांठ पर अस्पताल परिसर में एक सादे समारोह का आयोजन किया गया। एम्स की तर्ज पर सभी अत्याधुनिक चिकित्सकीय सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से कोनी में 200 करोड़ से अधिक की लागत से इस अस्पताल का निर्माण किया गया है, जिसका ठीक 1 साल पहले 29 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल शुभारंभ किया था।

करीब 44.58 एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित इस 11 मंजिला अस्पताल में मरीजों को निजी अस्पतालों से पांच गुना कम शुल्क पर अत्याधुनिक चिकित्सकीय सुविधा मिलने का दावा किया जा रहा है।

अस्पताल को आरंभ हुए 1 साल पूर्ण हो गए लेकिन अब भी अस्पताल अपने शैशव अवस्था में ही है और यहां सभी विभागों में इलाज तक आरंभ नहीं हुआ है। वर्तमान में केवल ओपीडी की सेवाएं दी जा रही है । आईपीडी की सेवाएं अभी आरंभ नहीं हुई है ।

प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ कृष्णमूर्ति बांधी, स्वशासी समिति के सदस्य डॉ विनोद तिवारी, डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार दास, सिम्स के डीन डॉक्टर रमनेश मूर्ति, अधीक्षक डॉक्टर लखन और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर बीपी सिंह मौजूद रहे। दीपप्रज्वलन के साथ समारोह का आरंभ हुआ। अतिथियों के सत्कार के पश्चात यहां नर्सिंग और अन्य विभाग की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गरिमापूर्ण प्रस्तुति दी, जिसमें संगीत और नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि नींव का पत्थर भले ही दिखाई नहीं पड़ता हो लेकिन उसकी अपनी अहमियत होती है। इस अस्पताल के प्रारंभिक स्टाफ के योगदान को कभी नहीं भूलाया जाएगा। अभी अस्पताल पूरी तरह से अपनी क्षमता अनुरूप सेवाएं नहीं दे पा रहा है लेकिन आने वाले समय में यह अस्पताल केवल बिलासपुर जिला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और छत्तीसगढ़ से जुड़े राज्यों के मरीजों को भी उच्च स्तरीय चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्तमान में जो भी समस्याएं हैं उन्हें जल्द ही दूर कर लिया जाएगा और जल्द ही यहां यह अस्पताल अपनी पूरी क्षमता के साथ अपनी सेवाएं प्रदान करेगा।

इस मौके पर बोलते हुए प्रसिद्ध चिकित्सक एवं अस्थि रोग सर्जन डॉक्टर विनोद तिवारी ने कहा कि अस्पताल हो या कोई संस्था सब की अपनी अपनी जिम्मेदारी तय होती है, जिसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाने की आवश्यकता है। किसी भी संस्था की विश्वसनीयता व्यक्ति के कार्य की दक्षता में निहित होती है इसीलिए आवश्यक है कि हर व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता और दक्षता से कार्य करें, जिससे कि मरीज का विश्वास अस्पताल के प्रति बढ़े और अगर ऐसा हुआ तो फिर इसका लाभ सभी को मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस शासकीय अस्पताल में विश्व स्तरीय सुविधाएं जुटाई जा रही है। ऐसी सुविधाये निजी अस्पतालों में भी नहीं है, लेकिन इसके संचालन के लिए सक्षम और दक्ष कर्मचारियों की आवश्यकता है।

इस अवसर पर बोलते हुए स्वशासी समिति के सदस्य डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करते हुए अथक प्रयासों से यह अस्पताल अस्तित्व में आया है। वर्तमान में यहां कुशल चिकित्सकों का अभाव है। उन्होंने उम्मीद जाता है कि इस मार्ग में आ रही बाधाओं को जल्द ही दूर कर विशेषज्ञ चिकित्सक यहां नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव शासकीय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के आरंभ हुए भले ही एक साल का वक्त बीत गया हो लेकिन बिलासपुर और आसपास के आम लोगों को भी इसकी जानकारी नहीं है । उन्होंने अस्पताल के प्रचार प्रसार पर जोर देने की बात कही, इसके लिए उन्होंने मीडिया के सहयोग लेने का भी सुझाव दिया। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के मुखिया और स्वास्थ्य मंत्री से लगातार उनकी चर्चा होती है और उनकी कोशिश है कि यहां जिन संसाधनों का अभाव है उसे जल्द ही दूर किया जाए ।

अपने उद्बोधनीय संबोधन में अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर बी पी सिंह ने बताया कि 7 अक्टूबर 2024 को उन्हें इस अस्पताल के आरंभ होने की जानकारी मिली थी और आनन फानन में आधे अधूरे संसाधनों के साथ 29 अक्टूबर 2024 को इस अस्पताल का उद्घाटन किया गया। उन्होंने बताया कि उस समय के नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को अस्पताल की साफ सफाई में भी योगदान देना पड़ा था। पहले दिन केवल दो ओपीडी सेवाएं और 10 मरीजो के साथ अस्पताल का औपचारिक शुभारंभ हुआ और आज यहां 11 विभाग संचालित है । हर दिन यहां 110 से 120 मरीज ओपीडी में देखे जा रहे हैं। यहां कार्डियक, न्यूरोलॉजी न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, मेडिसिन एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ मौजूद है।

जानकारी देते हुए डॉक्टर बीपी सिंह ने कहा कि इस 1 वर्ष में यहां 12,750 ओपीडी के मरीज देखे जा चुके हैं। अस्पताल में अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर तैयार किये जा रहे हैं। फिलहाल यहां लिथोट्रिप्सी की सुविधा उपलब्ध है। वर्तमान में ओटी आरंभ ना होने से यहां आवश्यकता पड़ने पर मरीजो का ऑपरेशन और पैथोलॉजी की सेवाएं सिम्स की मदद से ली जा रही है। उन्होंने बताया कि यहां वर्तमान में यूरोलॉजी के 18 , न्यूरोलॉजी के 190 ,ऑंकोलॉजी के मरीज देखे जा चुके हैं। 49 माइनर ऑपरेशन भी किए गए हैं । 28 मरीजो का लिथोट्रिप्सी की मदद से बिना ऑपरेशन के ही पथरी का इलाज किया गया है। वर्तमान में यहां सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एक्स-रे, एमआरआई की सेवाएं दी जा रही है। पैथोलॉजी उपलब्ध न होने के कारण जांच सिम्स की मदद से की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां लैब और डायग्नोस्टिक की सारी सेवाएं उपलब्ध होगी। डॉक्टर बीपी सिंह ने नियमित स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान में कलेक्टर दर पर नियुक्त स्टाफ पूरी क्षमता से कम कर रहे हैं। नए कर्मचारियों को 23 प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे अपने कार्य में कुशलता हासिल कर सके। उन्होंने बताया कि अस्पताल का पैथो लैब लगभग तैयार है। केवल केमिकल की प्रतीक्षा है तो वहीं ऑपरेशन थिएटर के भी जल्द आरंभ होने की उन्होंने उम्मीद जताई। उन्होंने इसके लिए ऑटोनॉमस बॉडी में शामिल सदस्यों से भी सहायता की उम्मीद जताई ।

इस मौके पर अस्पताल में अपनी उल्लेखनीय सेवा देने वाले कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर उनका उत्साह वर्धन किया गया तो वहीं चिकित्सकों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।

के.एस.एस.एस.डी.एस.जे. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बिलासपुर बना प्रदेश में मॉडल — 9 विभाग संचालित, लिथोट्रिप्सी से बिना ऑपरेशन के किडनी स्टोन का सफल उपचार

बिलासपुर। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (फेज–4) के तहत बिलासपुर में तैयार हो रहा के.एस.एस.एस.डी.एस.जे. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल प्रदेश का सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बन गया है। एक साल में ही यहां चिकित्सा सुविधाओं और अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। वर्तमान में अस्पताल में 9 प्रमुख सुपर स्पेशलिटी विभागों का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है, वहीं टेलीमेडिसिन और इनडोर सेवाओं की दिशा में कार्य अंतिम चरण में है।

🔹 9 विभागों में शुरू हुई सुपर स्पेशलिटी सेवाएं

अस्पताल में वर्तमान में निम्नलिखित विभाग संचालित हैं –
1️⃣ न्यूरोसर्जरी
2️⃣ न्यूरोलॉजी
3️⃣ कार्डियोलॉजी
4️⃣ यूरोलॉजी
5️⃣ रेस्पिरेटरी मेडिसिन
6️⃣ जनरल मेडिसिन
7️⃣ पैथोलॉजी
8️⃣ रेडियोडायग्नोसिस
9️⃣ एनेस्थीसिया

इन सभी विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिससे बिलासपुर सहित आसपास के जिलों के मरीजों को उच्चस्तरीय उपचार सुविधा मिल रही है।

🔹 नवीन चिकित्सा उपलब्धियां

अस्पताल में हाल ही में लिथोट्रिप्सी तकनीक की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से मरीजों के किडनी स्टोन बिना चीर-फाड़ के निकाले जा रहे हैं। यह बिलासपुर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही 5 बिस्तरों का डायलिसिस यूनिट, ट्राइएज और सीएसएसडी यूनिट तैयार हो चुकी है, जबकि आईसीसीयू का कार्य भी अगले दो माह में पूर्ण होने की संभावना है।

🔹 टेलीमेडिसिन से दूरस्थ क्षेत्रों को सुपर स्पेशलिटी सेवाएं

कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देशन में टेलीमेडिसिन विभाग तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से दूरस्थ इलाकों के मरीजों को भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की ऑनलाइन परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

🔹 अस्पताल प्रबंधन और निर्माण कार्यों की स्थिति

वर्तमान में किचन, लॉन्ड्री, मरच्यूरी, बॉयोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन, परिजन विश्राम गृह, ऑक्सीजन गैस प्लांट, कैथलैब और रक्तकोष के कार्य प्रगति पर हैं। ये सभी कार्य पूरे होते ही अस्पताल की इनडोर सेवाएं प्रारंभ कर दी जाएंगी।

🔹 डॉ. भानु प्रताप सिंह की नेतृत्व क्षमता से मिल रही गति

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. भानु प्रताप सिंह के कुशल प्रबंधन से कार्य में तेजी आई है। उनके नेतृत्व में अस्पताल ने बहुत कम समय में अपनी पहचान एक सशक्त चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित की है।

🔹 विशेषज्ञ चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ का योगदान

अस्पताल में कार्यरत प्रमुख चिकित्सकों में डॉ. श्रीजीता साहू, डॉ. मयंक तिवारी, डॉ. सुयश मेहता सहित अन्य विशेषज्ञों ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।
नर्सिंग स्टाफ में नर्सिंग सिस्टर विनीता पटले, स्टाफ नर्स आराधना दास, राजकुमारी हिरवानी, दुर्गा कंवर और ज्योति बंसोड़ का सराहनीय योगदान रहा।

🔹 कार्यक्रम में सम्मान और संचालन

अस्पताल में आयोजित एक समारोह में डॉ. बी.पी. सिंह (अधीक्षक), डॉ. अभिषेक कुमार (कार्डियोलॉजिस्ट), डॉ. यज्ञेश्वर शर्मा (यूरोलॉजिस्ट), डॉ. नीरज प्रसाद (न्यूरोसर्जन) और डॉ. मनीषा गुप्ता (न्यूरोलॉजिस्ट) सहित अन्य चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन आशीष शुक्ला, राजेश साहू, प्रह्लाद सिंह और सोमेश आदि ने किया।

🔹 अब तक 23 प्रकार की ट्रेनिंग, अनेक कर्मी ट्रेंड

अस्पताल में अब तक 23 प्रकार की तकनीकी व नर्सिंग ट्रेनिंग आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।

🔹 नए क्लिनिक शीघ्र होंगे प्रारंभ

अस्पताल प्रशासन ने बताया कि आगामी दिनों में तीन विशेष क्लिनिक शुरू किए जाएंगे —
1️⃣ हिमेटोलॉजी क्लिनिक: एनीमिया, सिकल सेल एवं रक्त कैंसर के मरीजों के लिए
2️⃣ डायबिटीज क्लिनिक: मधुमेह रोगियों हेतु
3️⃣ अस्थमा क्लिनिक: श्वसन संबंधी बीमारियों के बेहतर प्रबंधन के लिए

🔹 फेज–4 के अस्पतालों में बिलासपुर सबसे आगे

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (फेज–4) के अंतर्गत देशभर में बन रहे 16 सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में बिलासपुर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल निर्माण और सेवा प्रारंभ की दृष्टि से सबसे आगे है। यह उपलब्धि न केवल जिले बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है।

यह सफलता बिलासपुर को चिकित्सा सुविधाओं के क्षेत्र में एक नए आयाम पर ले जा रही है, जिससे आने वाले समय में प्रदेशभर के मरीजों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!