

बिलासपुर — गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयू) के कैंपस स्थित तालाब में 23 अक्टूबर को मिले शव की पहचान तीन दिन से लापता बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र अर्सलान अंसारी के रूप में की गई है। हालांकि छोटे भाई और माता-पिता की उपस्थिति से पहले पुलिस ने पोस्टमार्टम नहीं कराया। परिवार के आने पर रविवार को शव का पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के साथ कराया जाएगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एसएसपी रजनेश सिंह से मुलाकात कर विश्वविद्यालय पर मामले को दबाने का आरोप लगाया। वे आरोपियों के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं और पुलिस से एसआईटी गठित करने, तालाब के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की पूर्ण जांच और कैंपस में गश्त बढ़ाने की भी मांग कर चुके हैं।
पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार, अर्सलान 21 अक्टूबर की शाम लगभग 5 बजे हॉस्टल से वीडियो कॉल पर बात करते हुए निकला था और फिर लौटकर नहीं आया। तीन दिन बाद 23 अक्टूबर को उसका शव कैंपस के तालाब में पाया गया। सीएसपी कोतवाली गगन कुमार (आईपीएस) ने बताया कि प्रारंभिक जांच में शरीर पर किसी स्पष्ट चोट के निशान नहीं मिले हैं और शरीर में पानी भर जाने को खून बहने का कारण बताया गया है। मौत का सही कारण पोस्टमार्टम से स्पष्ट होगा।
सीयू के मीडिया सेल प्रभारी डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि छात्र का हॉस्टल कमरा खुला और पंखा चल रहा मिला। उन्होंने बताया कि भाई गौहर अयूब ने शव को देखा है और कहा कि वह लगभग 60 प्रतिशत पहचान पा रहा है, पर पूरी पुष्टि के लिए पिता की मौजूदगी आवश्यक है। इसीलिए पोस्टमार्टम पिता के आने के बाद ही कराया जा रहा है। शव फिलहाल सिम्स अस्पताल के मरच्यूरी में रखा गया है।
घटना पर सवाल जताए जा रहे हैं कि 130 से अधिक तैनात सुरक्षा कर्मचारियों, चीफ वार्डन डॉ. प्रतिभा जे. मिश्रा और प्रशासनिक वार्डन डॉ. महेश ढपोला के रहते भी किसी को छात्र के लापता होने की जानकारी क्यों नहीं हुई। ABVP ने भी यही सवाल उठाते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है।
पुलिस ने बताया कि अर्सलान के मोबाइल का लोकेशन तथा उसके कपड़ों की तलाश की जा रही है और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है। सिम्स में भाई से पूछताछ भी की जा रही है ताकि घटना की परिस्थितियों का स्पष्ट चित्र मिल सके।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशवानी ने भी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि छात्र हॉस्टल में प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज की जाती है, फिर यह कैसे संभव हुआ कि अर्सलान तीन दिनों तक लापता रहा और इसकी जिम्मेदारी किसकी है — प्रबंधन, शिक्षक या सुरक्षा तंत्र पर इस पर जांच होनी चाहिए।
परिवार और छात्र संगठनों की मांग है कि पोस्टमार्टम के साथ डॉक्यूमेंटेड वीडियो रिकॉर्डिंग और स्वतंत्र जांच पैनल (SIT) से मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी तरह की अनियमितता या छुपाने का आरोप बेबुनियाद सिद्ध हो सके। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि शव मिलने की परिस्थितियों की पूरी तरह से जांच की जाएगी और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
