

बिलासपुर।
आयुर्विज्ञान संस्थान छत्तीसगढ़ (सिम्स) में मरीजों को निजी अस्पताल भेजने की कोशिश कर रहे एक युवक को सुरक्षा कर्मियों ने रंगे हाथ पकड़ लिया। पूछताछ के बाद उसे पुलिस के हवाले किया गया। जांच में युवक की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं, जिसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
जानकारी के अनुसार, 22 अक्टूबर की सुबह करीब 6 बजे सिम्स के ट्रॉयज वार्ड में एक युवक मरीज के परिजन से संदिग्ध तरीके से बात कर रहा था। सुरक्षा कर्मियों को शक हुआ तो पूछताछ में उसने अपना नाम अभिषेक निर्मलकर पिता शत्रुघ्न निर्मलकर निवासी उसलापुर बताया। जांच में सामने आया कि वह मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों की ओर मोड़ने की कोशिश कर रहा था।
सूचना पर सुरक्षा सुपरवाइजर लघु शर्मा टीम सहित मौके पर पहुंचे और युवक को पकड़कर सिम्स चौकी के माध्यम से सिटी कोतवाली पुलिस के सुपुर्द किया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया।
सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा कि मरीजों का हित सर्वोपरि है। किसी भी बाहरी व्यक्ति द्वारा भ्रम फैलाने या उपचार में बाधा डालने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वहीं, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने कहा कि सिम्स में रोज बड़ी संख्या में मरीज आते हैं, ऐसे में किसी द्वारा गुमराह करने की कोशिश गंभीर अपराध है। प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है और भविष्य में भी ऐसे तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
