हेमू नगर में झुका बिजली का खंभा बना खतरा — हर वक्त मंडरा रहा हादसे का डर, विभागीय लापरवाही पर फूटा लोगों का गुस्सा

शशि मिश्रा

बिलासपुर | शहर की घनी आबादी वाली बस्तियों में से एक हेमू नगर तहसीलदार गली में राजा गोस्वामी के घर के पास बिजली विभाग की लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रही है। यहां वर्षों पुराना बिजली का खंभा एक ओर खतरनाक रूप से झुक गया है, जो कभी भी गिर सकता है। खंभे के साथ 11 केवी का हाई-वोल्टेज तार जुड़ा हुआ है, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस गली से हर वक्त लोगों का आना-जाना लगा रहता है, क्योंकि यही रास्ता क्षेत्रवासियों का मुख्य मार्ग है। झुके हुए पोल के नीचे से रोजाना बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं गुजरते हैं। लोग भय के साए में जीने को मजबूर हैं, क्योंकि अगर यह पोल गिरता है तो गंभीर हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

स्थानीय जागरूक नागरिक राजा गोस्वामी ने इस खतरनाक स्थिति की शिकायत बिजली विभाग के सहायक उप अभियंता (A.E.) तोरवा जोन से की है। शिकायत के बावजूद अब तक विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि नंदिनी मैडम, जो संबंधित जोन की प्रभारी अधिकारी हैं, हर बार केवल आश्वासन देती हैं, लेकिन अब तक न तो पोल को बदला गया और न ही उसकी मरम्मत कराई गई।

गली के आसपास कई आवासीय मकान हैं और लोग लगातार इस पोल के नीचे से गुजरते हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि “अगर यह खंभा गिर गया तो यहां जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है।” लोगों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों ही इस गंभीर स्थिति को नजरअंदाज कर रहे हैं।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह इलाका महापौर पूजा विधानी के वार्ड में आता है। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

क्षेत्रवासी सवाल उठा रहे हैं कि जब शहर की सबसे संवेदनशील बस्तियों में भी इस तरह की लापरवाही जारी है, तो बाकी इलाकों का क्या हाल होगा। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस खंभे को नहीं बदला गया, तो वे बिजली विभाग और नगर निगम के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल खतरनाक खंभे को हटाकर नया खंभा लगाया जाए ताकि किसी बड़े हादसे से पहले राहत मिल सके।
लोगों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक खंभे का नहीं, बल्कि विभागीय संवेदनहीनता और जवाबदेही की कमी का उदाहरण है।

“हम रोज डर के साए में गुजरते हैं। बच्चे भी इसी रास्ते से स्कूल जाते हैं। अगर यह खंभा गिरा तो किसी की जान जा सकती है, लेकिन विभाग को कोई चिंता नहीं है।” — स्थानीय निवासी

बिलासपुर के हेमू नगर का यह मामला साफ दर्शाता है कि विभागीय लापरवाही किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकती है, और अधिकारी तब तक नहीं जागते जब तक कोई बड़ी घटना न हो जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!