खाद्य पदार्थों में बढ़ती मिलावट पर सख्त कानून की मांग — स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जागरूक नागरिकों ने जताई चिंता

आलोक वालिम्बे

बिलासपुर। देश में खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। इस बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए बिलासपुर निवासी आलोक ने सरकार से मांग की है कि मिलावटखोरों पर रोक लगाने के लिए सख्त और प्रभावी कानून बनाए जाएं।

आलोक का कहना है कि सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और ऐसे लोगों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सहित गैर-जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई का प्रावधान किया जाना चाहिए, जो मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचकर नागरिकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशासन केवल त्योहारों के समय ही खाद्य पदार्थों की जांच करता है, जबकि यह प्रक्रिया नियमित रूप से जारी रहनी चाहिए। इसके लिए जिलाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम का गठन कर बाजारों से सैंपल एकत्र कर प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराया जाना चाहिए।

आलोक ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को प्रत्येक जिले में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए प्रयोगशालाएं (लैब) स्थापित करनी चाहिए, ताकि समय पर रिपोर्ट प्राप्त हो सके और कार्रवाई की जा सके। साथ ही, जिन दुकानों में अमानक या मिलावटी खाद्य पदार्थ पाए जाएं, उनके लाइसेंस रद्द किए जाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता को मिलावटखोरी की सूचना देने का अवसर मिलना चाहिए। इसके लिए हर जिले में टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाना चाहिए, ताकि लोग सीधे प्रशासन को सूचना देकर कार्रवाई में सहयोग कर सकें।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मिलावटयुक्त खाद्य पदार्थ लंबे समय में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं, इसलिए इस दिशा में सख्त और निरंतर कार्रवाई की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!