आलोक मित्तल
राहुल गांधी के मुद्दे पर मंत्री रविंद्र चौबे ने बिलासपुर में प्रेसवार्ता कर बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही मंत्री चौबे ने राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई को लेकर कई सवाल भी खड़े किए। उन्होंने कहा कि, देश में वर्तमान में जो राजनीतिक गतिविधियां चल रही है क्या इस देश में अब बोलने की आजादी नहीं है, विचारों को व्यक्त करने की आजादी नहीं है, प्रश्न पूछने की भी आजादी नहीं है ? राहुल गांधी ने पार्लियामेंट में केवल एक ही बात पूछा था कि, आपके रिश्ते क्या हैं, 20 हज़ार करोड़ रुपए देने की इजाजत किसने दी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद दूसरे नंबर की कंपनी इतनी पीछे कैसे आ गई है। एक रिपोर्ट से अदानी के शेयर में तेजी से गिरावट आई है। इसपर सवाल पूछने पर पार्लियामेंट में आवाज म्यूट कर दिया जाता है। पहली बार हिंदुस्तान में हुआ कि पार्लियामेंट के सारे आवाज म्यूट कर दिए गए। पहली बार ऐसा हुआ सत्ताधारी दल लोकसभा नहीं चलने दे रहा है। पहली बार ऐसा हुआ विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। पहली बार ऐसा हुआ प्रश्न पूछने के बाद उत्तर देने के बजाय सीधे प्रजातांत्रिक और अलोकतांत्रिक कार्यवाही की जा रही है। फैसला गुजरात के सूरत के कोर्ट में हुआ। गुजराती भाषा में अदालत का निर्णय आया अनुवाद करने में भी समय लग सकता था, लेकिन तत्काल उसे लोकसभा में भेज दिया गया और लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी, उन्हें अपात्र भी घोषित कर दिया। फैसले के पहले नैसर्गिक न्याय के अनुरूप पक्षकार को सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया गया। अब तो हद हो गई है सदस्यता जाने के तत्काल बाद आवास भी खाली कराने का नोटिस दे दिया गया है। बहुत बार ऐसा होता है कई मंत्री पुराने और भूतपूर्व होने के बाद भी आवास में रहते हैं, उन्हें सूचना दी जाती है अवसर दिया जाता है। लेकिन जिस जल्दबाजी में राहुल गांधी को नोटिस दिया गया है, क्या दर्शाता है। देश में आप बोल नहीं सकते, देश में आप अपनी बात नहीं कर सकते। पूरा हिंदुस्तान राहुल गांधी के साथ खड़ा है। पूरी कांग्रेस राहुल गांधी के साथ है। आवास खाली और पार्लियामेंट में सदस्यता समाप्त कर सच की आवाज को क्या यह बंद कर सकते हैं। इस प्रश्न को नकार सकते हैं। सारा देश देख रहा है कि आज अडानी के संपत्ति का इजाफा कैसे हुआ था और आज उनके शेयर लगातार क्यों गिर रहे हैं। अगर यह प्रश्न किया जाता है तो आज पूरा देश इसका उत्तर चाहता है। इस पूरी कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने सत्याग्रह करने का निर्णय लिया है। आगे उन्होंने राहुल गांधी को देश और संविधान से बड़ा बताने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव पर निशाना साधते हुए कहा कि, अरुण साव नए – नए प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, उन्हें संविधान समझने में अभी वक्त लगेगा।