स्मार्ट मीटर और बढ़े बिजली बिलों से उपभोक्ताओं में आक्रोश, कलेक्टोरेट का घेराव,प्रीपेड मीटर हटाने व बिजली बिल हाफ योजना बहाली की मांग, सरकार को चेतावनी

बिलासपुर

बिलासपुर में बिजली बिलों में भारी बढ़ोतरी और स्मार्ट प्रीपेड मीटर की जबरन स्थापना को लेकर आम जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को छत्तीसगढ़ बिजली उपभोक्ता समिति ने कलेक्टोरेट का घेराव करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम पांच सूत्रीय ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्मार्ट मीटर योजना के नाम पर उपभोक्ताओं से जबरन वसूली की जा रही है। समिति के संयोजक त्रिलोचन साहू ने बताया कि पहले जिन उपभोक्ताओं के बिल 200 से 300 रुपए तक आते थे, अब वे 3 से 4 हजार रुपए तक पहुंच गए हैं। कई उपभोक्ताओं को तो 20 से 30 हजार रुपए तक के बिल थमा दिए गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि उपभोक्ता जब शिकायत लेकर बिजली विभाग में जाते हैं, तो उन्हें केवल “मीटर चेक होगा” कहकर लौटा दिया जाता है। इससे पहले मंगलवार को मस्तुरी और मल्हार क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण भी अपने बिजली बिलों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे और स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिलों में हुई बढ़ोतरी पर नाराजगी जताई थी। ग्रामीणों का कहना है कि पहले जहां 400 से 500 रुपए मासिक बिल आता था, अब वही 1500 से 1700 रुपए तक पहुंच गया है।

बिजली उपभोक्ता समिति की 5 प्रमुख मांगें

  1. बिजली हाफ योजना को पुनः तत्काल लागू किया जाए।
  2. स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।
  3. जहां स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, वहां दोबारा डिजिटल मीटर लगाए जाएं।
  4. बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लिया जाए।
  5. बिजली का निजीकरण रोका जाए और वितरण प्रणाली को सरकारी नियंत्रण में रखा जाए।

समिति के सदस्यों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को प्रदेशभर में विस्तारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब जनता को इस मुहिम से जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

गुरुवार को हुए प्रदर्शन के दौरान उपभोक्ताओं ने “स्मार्ट मीटर बंद करो”, “बिजली बिल आधा करो” जैसे नारे लगाते हुए सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की। कलेक्टोरेट परिसर में भारी संख्या में नागरिकों की मौजूदगी रही।

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