

छत्तीसगढ़ बांगला अकादमी द्वारा बंग भवन टिकरापारा में 235 वां मासिक साहित्य संगोष्ठी का आयोजन बांगला पत्रिका “मातृभाषा” के विमोचन सहित संगीत, नृत्य एवं कविता पाठ के साथ उत्साह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ संस्थागत संगीत “आमार भाषा तोमार भाषा” से हुआ। तत्पश्चात मातृभाषा के प्रधान संपादक डॉ गोपाल चन्द्र मुखर्जी के निर्देशन में अध्यक्ष श्रीमती नमिता घोष, मुख्य अतिथि डॉ हेमन्त चटर्जी सहित बिभू रंजन घोष, मानवेन्द्र चटर्जी, बी. के. गोस्वामी, कल्याणी मुखर्जी, पार्थ प्रतिम भादुड़ी द्वारा अकादमी की बांगला पत्रिका “मातृभाषा” का विमोचन किया गया।

इसके बाद डॉ गोपाल चन्द्र मुखर्जी एवं श्रीमती नमिता घोष द्वारा अपने संबोधन रखे गए। इस अवसर पर 12 जनों को गोपाल मुखर्जी अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिनके नाम मानवेन्द्र चटर्जी, डॉ हेमन्त चटर्जी, ब्रज कानू गोस्वामी, पार्थ प्रतिम भादुड़ी, डॉ सोमनाथ मुखर्जी, बिभू रंजन घोष, सुब्रत चटर्जी, प्रवीर कुमार घोष, पार्थ सरकार, रूपा राहा, प्रतिमा पाल, अचिन्तो घटक हैं। जिन्हें प्रतिभा सम्मान से शाल,स्मृति चिन्ह, मान पत्र एवं गुलदस्ता से सम्मानित किया गया। जिसे उनके द्वारा साहित्य सृजन, काव्य लेखन, गीत तथा सेवा पर्यन्त पर आधारित रहा। पत्रिका में स्थानीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न लेखकों के लेख, कविताएं, लघु कथाओं का समावेश किया गया। जिसके प्रधान संपादक डॉ गोपाल चन्द्र मुखर्जी एवं संपादक मंडली के सदस्य श्रीमती नमिता घोष, डॉ सोमनाथ मुखर्जी, रहे। एकल एवं ग्रुप संगीत की प्रस्तुतियां निहार रंजन मल्लिक, अचिन्त्य कुमार बोस, राजा दासगुप्त, प्रबाल मुखर्जी, गोपा दासगुप्त, मोनिका घोष, प्रतिमा पाल, मौसमी चक्रवर्ती, मौमिता चक्रवर्ती, शुभ्रांशु शेखर घोष, सौरभ चक्रवर्ती, असित दत्त एवं श्यामल सरकार द्वारा, नृत्य की प्रस्तुति खुश्मीता घोष, नोएल राय एवं आयुषी पारित द्वारा तथा कविता पाठ की प्रस्तुतियां आयूष परामाणिक, अशोक कुण्डु एवं रूपा राहा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन सचिव सौभिक दासगुप्त ने किया। बांगला अकादमी के सभी साहित्य प्रेमी एवं संगीत प्रेमी की उपस्थिति ने कार्यक्रम के स्तर को उत्कृष्टता प्रदान किया।
