

बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन ने अपनी आंतरिक तैयारियों को गति दे दी है। आने वाले दिनों में शहर और ग्रामीण कांग्रेस कमेटियों के नए अध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा होने वाली है। पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक दावेदारों की रिपोर्ट लेकर आज दिल्ली रवाना होंगे। सूत्रों के अनुसार बिलासपुर और मुंगेली जिले में रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और दावेदारों की सूची तैयार होकर आलाकमान को भेजी जा रही है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार संगठन ने अध्यक्ष पद के चयन में संगठनात्मक अनुभव, क्षेत्र में सक्रियता, जातिगत समीकरण, सामाजिक पकड़ और हालिया चुनावों में निभाई भूमिका जैसे बिंदुओं को विशेष रूप से ध्यान में रखा है। कांग्रेस का उद्देश्य 2028 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को देखते हुए एक मजबूत और जमीनी संगठन तैयार करना है।
शहर अध्यक्ष पद के लिए युवा और संगठन से जुड़े चेहरे आगे
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए युवा नेताओं और संगठन के सक्रिय चेहरों के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। पार्टी चाहती है कि शहर संगठन में नई ऊर्जा और उत्साह लाने वाले नेताओं को अवसर दिया जाए। वहीं ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के लिए ऐसे दावेदारों को प्राथमिकता दी जा रही है जो पंचायत स्तर पर सक्रिय हों, किसान आंदोलनों में भूमिका निभा चुके हों और जिनकी जनता में मजबूत पकड़ हो।
ओबीसी वर्ग से ग्रामीण अध्यक्ष की संभावना
जानकारों के अनुसार इस बार पार्टी सामाजिक संतुलन का विशेष ध्यान रख रही है। शहर अध्यक्ष का चयन सामान्य वर्ग से होने की संभावना है, जबकि ग्रामीण अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से चुने जा सकते हैं। इससे पहले दोनों पदों पर सामान्य वर्ग के नेता ही रहे हैं, ऐसे में इस बार ओबीसी नेतृत्व को मौका देकर पार्टी सामाजिक समीकरण साधने की रणनीति पर काम कर रही है।
दीपावली के बाद जारी होगी सूची
पार्टी सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में शहर और ग्रामीण अध्यक्षों की सूची दीपावली के बाद जारी की जाएगी। कई जिलों में वर्तमान अध्यक्षों ने भी दोबारा दावेदारी की है, परंतु अंतिम निर्णय दिल्ली आलाकमान ही लेगा। इस बार संगठनात्मक नियुक्तियों में 40% महिला आरक्षण देने की भी चर्चा है।
शैलेश पांडे के नाम की चर्चा तेज
बिलासपुर में कांग्रेस के भीतर सबसे अधिक चर्चा पूर्व विधायक शैलेश पांडे के नाम की है। संगठन के कई स्तरों पर उनके अनुभव, संगठनात्मक कौशल और शहर में उनकी पकड़ को देखते हुए उनके नाम पर मुहर लगने की संभावना बताई जा रही है। हालांकि अंतिम फैसला दिल्ली दरबार में होगा।
2028 चुनावों पर नजर
कांग्रेस संगठन इस बदलाव को केवल रुटीन तैनाती के रूप में नहीं देख रहा है, बल्कि इसे 2028 विधानसभा चुनावों की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी का मकसद है कि मजबूत स्थानीय नेतृत्व के माध्यम से जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया जाए और संगठन को मजबूती दी जाए।
अब सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं—जहां से जल्द ही यह तय होगा कि बिलासपुर कांग्रेस की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी।
