

बिलासपुर।
बिजली दरों में लगातार बढ़ोतरी और 400 यूनिट तक हाफ बिजली बिल योजना बहाल करने की मांग को लेकर सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तिफरा स्थित बिजली विभाग के मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन महज नारेबाजी तक सीमित नहीं रहा — इस बार कांग्रेसियों ने पुलिस की घेराबंदी तोड़कर दो गेट पार किए और मुख्य अभियंता कार्यालय तक पहुंच गए। करीब एक घंटे तक दफ्तर परिसर में हंगामा और नारेबाजी का माहौल बना रहा।
प्रदर्शन का नेतृत्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने किया। सुबह लगभग 11 बजे कांग्रेस भवन से सैकड़ों कार्यकर्ता दोपहिया रैली निकालते हुए तिफरा पहुंचे। वहां पहले से ही पुलिस बल, सीएसपी और टीआई तैनात थे। गेट बंद था, लेकिन कार्यकर्ताओं ने “बिल आधा करो”, “जनता पर अत्याचार बंद करो” और “बिजली हमारी हक है” जैसे नारों के साथ प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पुलिस को चकमा देकर भीतर पहुंचे
शुरुआत में पुलिस ने कांग्रेसियों को गेट पर ही रोकने की कोशिश की, लेकिन हंगामा बढ़ने पर कार्यकर्ताओं ने गेट को धक्का देकर तोड़ दिया और अंदर घुस गए। पुलिसकर्मी बाहर ही रह गए जबकि कार्यकर्ता सीधे मुख्य अभियंता एके अंबष्ट के कार्यालय की ओर बढ़ गए। वहां पहुंचकर कांग्रेसियों ने कार्यालय के नीचे धरना शुरू कर दिया।
मुख्य अभियंता के कमरे के बाहर कांग्रेसियों ने तालेबंदी का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से मुख्य अभियंता को ‘ताला भेंट’ कर अपना विरोध दर्ज कराया।
नेताओं के तेवर तीखे

प्रदर्शन स्थल पर विजय केशरवानी ने कहा कि —
“छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर और सरप्लस स्टेट है, फिर भी यहां बिजली दरें देश में सबसे ज्यादा हैं। भाजपा सरकार ने डेढ़ साल में चौथी बार बिजली दर बढ़ा दी है। जल, जंगल और जमीन उद्योगपतियों को सौंप दी गई है, लेकिन जनता को उसका लाभ नहीं मिल रहा।”
वहीं शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि —
“भूपेश बघेल सरकार ने 400 यूनिट तक हाफ बिजली बिल योजना शुरू की थी, जिससे आम जनता और किसानों को बड़ी राहत मिली थी। लेकिन मौजूदा सरकार ने इस योजना को खत्म कर दिया है। अब किसानों और छोटे व्यापारियों पर भारी बोझ पड़ रहा है।”
ढाई माह में तीसरा प्रदर्शन
कांग्रेस ने पिछले ढाई महीने में यह तीसरा बड़ा प्रदर्शन किया है।
- 18 जुलाई: विजय केशरवानी और विजय पांडेय के नेतृत्व में पहली बार गेट पर हंगामा हुआ।
- 6 अगस्त: कार्यकर्ता गेट पर चढ़ गए, लेकिन पुलिस ने भीतर जाने से रोक दिया।
- 7 अक्टूबर: गेट तोड़कर भीतर पहुंचे और कार्यालय परिसर में नारेबाजी की।
इस दौरान कांग्रेस नेताओं विजय केशरवानी, विजय पांडेय, सियाराम कौशिक, राजेंद्र शुक्ला, प्रमोद नायक, शेख नजीरुद्दीन, रविंद्र सिंह, पंकज सिंह, विश्वंभर गुलहरे, शिवा मिश्रा, शिल्पी तिवारी, अन्नपूर्णा ध्रुव, अजरा खान, शारदा नगरकर और उत्तरा सक्सेना सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रशासन रहा सतर्क
प्रदर्शन की सूचना पहले से होने के कारण तिफरा बिजली कार्यालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इसके बावजूद पुलिस व्यवस्था को चकमा देकर कार्यकर्ताओं का भीतर पहुंचना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर गया।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण समाप्त होने के बाद कांग्रेसियों ने मुख्य अभियंता को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि सरकार ने 400 यूनिट तक हाफ बिल योजना बहाल नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- बिजली दर वृद्धि रोकने और 400 यूनिट तक बिल हाफ करने की मांग।
- तिफरा बिजली दफ्तर में कांग्रेस का तीसरा प्रदर्शन, पहली बार भीतर पहुंचकर नारेबाजी।
- मुख्य अभियंता को ‘ताला भेंट’ कर जताई नाराजगी।
- विजय केशरवानी बोले — “सरप्लस स्टेट में बिजली महंगी क्यों?”
- पुलिस तैनाती के बावजूद प्रदर्शनकारी पहुंचे दफ्तर के भीतर।
