

बलौदा/जांजगीर। हसदेव नदी में देवरी पिकनिक स्पॉट पर बहे युवकों में से एक और युवक का शव सोमवार सुबह मिल गया। मृतक की पहचान आशीष भोई के रूप में हुई है। उसका शव घटना स्थल से करीब 25 किलोमीटर दूर महुदा गांव के पास नदी किनारे झाड़ियों में फंसा हुआ मिला। सुबह करीब 7.30 बजे ग्रामीणों ने शव को देखा और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे परिजनों ने पहचान की पुष्टि की, जिसके बाद शव को जांजगीर जिला अस्पताल भेजा गया।
इससे पहले रविवार को अंकुर कुशवाहा का शव कुदरी बराज के पास मिला था। बताया जा रहा है कि कुदरी बराज के तीन गेट खुले होने के कारण नदी का बहाव तेज हो गया था, जिसकी वजह से आशीष का शव बराज से आगे बढ़कर महुदा तक पहुंच गया।
हादसे के तीसरे दिन भी युवती स्वर्णा रेखा सिंह का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। वह भी तेज बहाव में बह गई थी। एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीम मंगलवार को भी उसकी तलाश के लिए नदी में उतरेंगी। पुलिस का मानना है कि युवती का शव कुदरी बराज या उससे आगे के किसी हिस्से में फंसा हो सकता है।
घटना के समय तीनों युवक-युवती अपने दो दोस्तों मोनिका सिन्हा और लक्ष्मी शंकर सतनामी के साथ पिकनिक मनाने पहुंचे थे। दोनों सुरक्षित हैं। चश्मदीद लक्ष्मी शंकर सतनामी ने बताया कि मोनिका रायपुर में फार्मेसी की पढ़ाई कर रही है और उसी के माध्यम से सभी एक-दूसरे को जानते थे। अंकुर पीएससी की तैयारी कर रहा था और मूल रूप से इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला था।
इधर, कलमीटार के चचेही डेम में डूबे आकाश की तलाश भी जारी है। सोमवार को तीन गोताखोर मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। परिजनों ने पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। टीम ने केवल 4-5 बार बोट से तलाश अभियान चलाया और शाम तक लौट गई।
हादसे के बाद से युवती के परिवार के सदस्य बलौदा में रिश्तेदारों के साथ रुके हुए हैं। जोरापारा स्थित उनके घर पर ताला लटका हुआ है। पड़ोसी भी घटना को लेकर कुछ बताने से बच रहे हैं।
ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश दोनों देखने को मिले, वहीं प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि युवती की खोज के लिए अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक वह मिल नहीं जाती।
