

बिलासपुर।
शहर और आसपास के जिलों में करोड़ों रुपए का फर्जी निवेश घोटाला सामने आया है। मुख्य आरोपी हीरानंद भगवानी ने लोगों को 40 दिन में रकम दोगुनी करने का लालच देकर हजारों लोगों को जाल में फंसा लिया। पुलिस जांच में सामने आया है कि वह वेस्टिज कंपनी का नाम लेकर बैठकें करता था और एजेंटों को जोड़ने पर हर 10 हजार पर 1 हजार रुपए कमीशन देने का वादा करता था। अब तक अनुमान है कि उसने करीब 3 हजार लोगों को जोड़कर कई करोड़ रुपए हड़प लिए।
नवंबर 2024 से की थी शुरुआत
पुलिस के अनुसार, हीरानंद ने नवंबर 2024 से इस ठगी की शुरुआत की। वह लोगों से कैश में रकम लेता और एक छोटी सी डायरी में तारीख, रकम और हस्ताक्षर कर देता। निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए उसने ‘भरोसे की डोर’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप में वह लोगों को जोड़ने वालों के फोटो शेयर करता और उन्हें टीवी, फ्रीज, आलमारी जैसी गिफ्ट देकर आकर्षित करता था।
दर्ज हुई करोड़ों की शिकायत
सिविल लाइन थाने में हरेज बजाज ने 7 सितंबर को आरोपी के खिलाफ 1 करोड़ रुपए की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने 20 से अधिक निवेशकों के बयान दर्ज किए। जांच के दौरान हीरानंद की पत्नी और एकाउंटेंट को गिरफ्तार किया गया, जबकि आरोपी अब भी फरार है। पुलिस ने उसकी 25 लाख रुपए की एक संपत्ति कुर्क कर न्यायालय को भेजा है।
घर-परिवार तबाह, महिला ने बेची जमीन
ठगी का शिकार हुए कई लोग आज आर्थिक संकट में हैं। मालिश करने वाली महिला बोधिनी बाई और उनके पति राजकुमार श्रीवास ने बताया कि उन्होंने अपना मकान बेचकर 5 लाख रुपए निवेश किए थे। उन्हें भरोसा था कि 40 दिन बाद रकम दोगुनी होकर वापस मिल जाएगी, लेकिन ठगी का पर्दाफाश होने के बाद आज वे किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं। बोधिनी बाई ने यह भी बताया कि वे लंबे समय से हीरानंद के साथ बीसी खेलते थे। जब बीसी की रकम लेने की बारी आती तो आरोपी मकान बनाकर देने का झांसा देता था।
शहर से लेकर गांव तक फैला जाल
हीरानंद ने केवल बिलासपुर ही नहीं, बल्कि अकलतरा, भाटापारा, जांजगीर, कोरबा, चांपा, अनूपपुर, कोटा, सकरी, तखतपुर, मुंगेली, गोंदिया समेत कई जिलों के व्यवसायियों से भी मोटी रकम वसूली। कई छोटे-बड़े कारोबारियों ने जमीन, मकान और जेवर बेचकर पैसे निवेश किए थे।
अफवाहों में आया चाट व्यवसायी का नाम
इधर, मुंगेली नाका के चाट व्यवसायी किशोर चंदनानी का नाम भी इस ठगी प्रकरण में सामने आया है। उन्होंने आरोपी को मोटी रकम निवेश के लिए दी थी। गिरफ्तारी के बाद उनके बीमार होने की अफवाह फैलाई गई थी, लेकिन उन्होंने खुद सामने आकर बताया कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं।
रोजाना करता था बैठक
सूत्रों का कहना है कि हीरानंद रोजाना बैठक आयोजित करता और लोगों को जल्दी अमीर बनाने के सपने दिखाता था। जिन लोगों को जोड़ने पर वह गिफ्ट देता, उनकी तस्वीरें ‘भरोसे की डोर’ ग्रुप में डालकर और लोगों को फंसाता था।
पुलिस अब तक आरोपी की तलाश कर रही है। हालांकि, कई पीड़ितों का कहना है कि अगर हीरानंद जल्दी गिरफ्तार नहीं हुआ तो हजारों परिवार आर्थिक संकट की खाई में और गहरे फंस जाएंगे।
