“अरे मियां, पुल पे दिखी बाई… फिर ग़ायब! नदी में कूदी बोलके पुलिस को घुमाया… न बाई मिली, न सुराग!”

आकाश मिश्रा

देखो भाई, मामला हुआ यूँ कि किसी सज्जन ने 112 को फोन घुमा के बोला – “भाई, एक औरत पुल पे खड़ी थी, फिर गायब हो गई… मतलब झपकते ही गुम!” अब बेचारे पुलिस वाले सोचने लगे, “अरे बाप रे, कूदी होगी नदी में!”

फटाफट एसडीआरएफ की टीम पानी में कूदी, नदी को छान मारा – मगर न कोई चुन्नी मिली, न चप्पल, न साया! पूरा दिन पानी में तैर-तैर के तलाश की, लेकिन नतीजा – झिरो!

अब मजेदार बात सुनो – दो दिन हो गए, कोई मिसिंग रिपोर्ट भी नहीं आई। मतलब, घरवाले भी बोल रहे – “हमारी तो कोई नहीं गई।” तो पुलिस वाले भी सर खुजाते हुए बोले – “कुड़ी भी थी कि नहीं? या हवा में उड़ गई?”

और जिसने खबर दी थी, उस देवरीडीह वाले को बुलाया गया। उसने कहा – “मैं देख के आया, औरत खड़ी थी… वापस मुड़के देखा तो गायब!” अरे भाई, हो सकता है बाई जी ठंडी हवा लेने आई हो, फिर किसी आटो में बैठ के निकल गई हो!

तो अब पुलिस भी बोल रही – “लगता है ये पूरा मामला ‘भूतनी का वहम’ है, छलांग-वलांग कुछ नहीं हुआ!”

बिलासपुर वालों, सीख लो – अगली बार कोई पुल पे दिखे तो पहले पूछ लो, “कूदने का प्लान है क्या, या बस नज़ारा देखने का?”

क्या बोलते, इसे बोलें रियल लाइफ मिस्ट्री वूमन विद बिलासपुर ट्विस्ट!

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