रिश्तेदारों के व्यवहार से परेशान दो नाबालिग बालिकाएं लौट रही थी जशपुर, पुलिस ने चाइल्ड केयर सेंटर में किया सुपुर्द

बिलासपुर। थाना तोरवा पुलिस को 20 जुलाई 2025 को सूचना मिली कि लालखदान क्षेत्र में दो नाबालिग लड़कियां अकेली खड़ी हैं। जानकारी मिलने पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुँची और पूछताछ में पता चला कि दोनों बालिकाएं अपने रिश्तेदारों के पास रह रही थीं और वहां मन न लगने के कारण तिफरा से निकलकर अपने मूल निवास स्थान जशपुर लौटने के प्रयास में थीं।

पुलिस ने दोनों नाबालिग बालिकाओं को विधिवत संरक्षण में लेकर चाइल्ड केयर सेंटर में भेजा और मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बाल कल्याण समिति (CWC) को सुपुर्द कर दिया गया। वर्तमान में दोनों की काउंसलिंग की जा रही है और पुलिस परिजनों के बयान दर्ज कर रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों बालिकाएं जशपुर जिले की निवासी हैं। इनमें से एक बालिका अपने मामा अरुण लकड़ा (रक्षित केंद्र, बिलासपुर में पदस्थ) के पास रह रही थी, जबकि दूसरी बालिका अपने रिश्तेदार सुधीर कुजुर (आरक्षक, थाना सिपत) के यहाँ ठहरी हुई थी। दोनों परिवार तिफरा पुलिस कॉलोनी में रहते हैं और यहीं दोनों नाबालिगों का आपस में परिचय हुआ।

प्रथम बालिका की मां फोगो लकड़ा ने बताया कि उसने अपनी पुत्री को तीन महीने पहले पढ़ाई में सुधार और प्राइवेट परीक्षा दिलाने के उद्देश्य से भाई अरुण लकड़ा के पास भेजा था। परिजनों ने स्पष्ट किया कि बालिका के साथ न तो कोई मारपीट हुई और न ही कोई जबरन कार्य कराया गया। लड़की का वहां भी मन नहीं लगने से वह वापस लौटना चाह रही थी।

वहीं दूसरी बालिका के परिजन जीवन कुजुर ने बताया कि बालिका की मां किसी अन्य व्यक्ति से विवाह कर अलग रह रही है और पिता शराब के आदी हैं। इसलिए बेहतर शिक्षा के लिए उसे अपनी भतीजी अंजू कुजुर (शिक्षिका) और उनके पति सुधीर कुजुर के पास भेजा गया था। उन्होंने भी बताया कि बालिका के साथ किसी प्रकार की जबरदस्ती या प्रताड़ना नहीं हुई।

फिलहाल दोनों नाबालिग बालिकाएं बाल कल्याण समिति के संरक्षण में हैं, जहाँ उनकी काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है। परिजनों ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने से इनकार किया है, फिर भी पुलिस सभी तथ्यों की जांच कर रही है।

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