50 से अधिक सालों से जिन जमीनों पर किसान कर रहे हैं खेती, उसे शासकीय जमीन किया गया घोषित, 26 प्रभावित किसानों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

यूनुस मेमन

रतनपुर क्षेत्र में 50 साल से खेती किसानी कर रहे किसानों की जमीन को शासकीय दस्तावेजों में शासकीय जमीन घोषित किया गया है इससे प्रभावित 26 किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई है । खैरा चपोरा क्षेत्र के इस जमीन पर क्षेत्र के प्रभावित किसान पिछले 50 सालों से खेती कर रहे हैं, जहां ट्यूबवेल, फेंसिंग आदि बना हुआ है। पैतृक रूप से इन जमीनों के कागजात पर इन किसानों के नाम राजस्व विभाग में पिछले कई वर्षों से दर्ज है। कुछ जमीनो के तो ऋण पुस्तिका और नामांतरण के दस्तावेज भी है, किसानों की कृषि जमीन को बड़े झाड़ का जंगल बताया गया है। इससे किसानों के होश उड़ गए ।इसके बाद इन किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर उनकी कृषि भूमि को यथावत रखने की मांग की है। जिनका आरोप है कि आसपास के बड़े किसानों की जमीन को इस कार्यवाही से पृथक रखा गया है। करीब 26 किसान इस योजना से प्रभावित हो रहे हैं, जिनका कहना है कि विगत वर्ष भी उन्होंने उक्त जमीन पर धान की फसल ली है और शासन ने नियम अनुसार धान खरीद कर भुगतान भी किया है। इसके बावजूद इन जमीनों को शासकीय जमीन बताया जा रहा है, इसलिए इस मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की गई है।

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