
यूनुस मेमन

रतनपुर, छत्तीसगढ़ — धर्म नगरी के नाम से प्रसिद्ध रतनपुर ने आज शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। माँ महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा नगर के उज्ज्वल भविष्य व समुचित शैक्षणिक व्यवस्था हेतु “वैदिक विद्यालय” की स्थापना की घोषणा करते हुए विधिवत भूमिपूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में ट्रस्ट के पदाधिकारियों सहित अनेक गणमान्य नागरिक, श्रद्धालु व स्थानीय जनता उपस्थित रही।
विगत कई वर्षों से रतनपुर के नागरिकों द्वारा शिक्षा के सुगम्य एवं व्यवस्थित संसाधनों की आवश्यकता को लेकर शासन एवं प्रशासन से लगातार आग्रह किया जा रहा था। इसी जनअपेक्षा को ध्यान में रखते हुए माँ महामाया मंदिर ट्रस्ट ने शिक्षा क्षेत्र में स्वयं पहल करते हुए वैदिक मूल्यों एवं आधुनिक शिक्षण प्रणाली को समाहित करने वाले एक उत्कृष्ट विद्यालय की नींव रखी है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर ने भूमिपूजन कार्यक्रम के अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि, “हमारा प्रमुख उद्देश्य नगर के प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना है। यह विद्यालय केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों के संवाहक के रूप में कार्य करेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि विद्यालय में आधुनिक तकनीकी सुविधाओं के साथ-साथ वैदिक ज्ञान, योग, संस्कृत तथा नैतिक शिक्षा को भी प्रमुखता दी जाएगी ताकि विद्यार्थी न केवल अकादमिक रूप से श्रेष्ठ बनें, बल्कि संस्कारित नागरिक के रूप में भी विकसित हों।
इस पहल को लेकर नगरवासियों में भारी उत्साह और प्रसन्नता का वातावरण देखने को मिला। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मंदिर ट्रस्ट द्वारा लिया गया यह निर्णय रतनपुर की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देगा और आने वाली पीढ़ियों को मजबूती प्रदान करेगा।
माँ महामाया मंदिर ट्रस्ट की इस जागरूकता व सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना ने पूरे नगर को एक नई उम्मीद दी है। रतनपुर अब केवल धार्मिक नगरी के रूप में ही नहीं, बल्कि एक उन्नत शिक्षण केन्द्र के रूप में भी अपनी पहचान स्थापित करने की ओर अग्रसर है।
कार्यक्रम के समापन पर मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण किया गया और जनसमूह ने इस पहल के लिए ट्रस्ट को धन्यवाद ज्ञापित किया।

