


बिलासपुर।
राज्य शासन द्वारा 1 मई से लागू की गई विभिन्न नई सुविधाओं में से एक, रजिस्ट्री के साथ नामांतरण की प्रक्रिया को जोड़ने की योजना, फिलहाल बिलासपुर जिले में शुरू नहीं की गई है। इस सुविधा को लागू करने के लिए शासन की औपचारिक मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। जिला पंजीयन कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार, अभी तक इस संबंध में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश या आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं।
फिलहाल यह सुविधा केवल तीन जिलों — रायपुर, आरंग और बलौदा बाजार में ही शुरू की गई है। इन जिलों में अब भूमि की रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की प्रक्रिया भी एक साथ पूरी की जा रही है, जिससे खरीदारों को बड़ी राहत मिल रही है। इससे न केवल प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी हो रही हैं, बल्कि समय और श्रम की भी बचत हो रही है।
बिलासपुर में इस सुविधा को कब तक लागू किया जाएगा, इस पर अभी अनिश्चितता बनी हुई है। जिला पंजीयन अधिकारी राजीव स्वर्णकार ने बताया कि जब तक शासन की ओर से आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं होता, तब तक इस सुविधा को शुरू नहीं किया जा सकता।
इसके साथ ही एक अन्य महत्वपूर्ण सुविधा ‘भारमुक्त’ सेवा भी प्रस्तावित है। इस सुविधा के तहत खरीदी जा रही भूमि की स्थिति की जानकारी — जैसे कि जमीन पर कोई पुराना बकाया है, या क्या यह पहले से किसी अन्य व्यक्ति को बेची जा चुकी है — उपलब्ध कराई जाएगी। इससे धोखाधड़ी की आशंका कम होगी और खरीदारों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
राज्य शासन की इन पहलों से आम नागरिकों को बड़ी सुविधा मिलेगी, लेकिन बिलासपुर वासियों को इन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए अभी कुछ और समय इंतजार करना पड़ सकता है।
