दामाखेड़ा आश्रम में पटाखे फोड़ने के विवाद के बाद हमले के आरोपियों के जमानत पर छूट जाने के बाद एक बार फिर से हंगामा मचा हुआ है। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के सिमगा तहसील स्थित दामाखेड़ा आश्रम में गुरु प्रकाश मुनि नाम के बेटे उदित मुनि नाम साहब और गांव के सरपंच पूर्णिमा देवांगन के परिवार के बीच पटाखे फोड़ने को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद 30 -40 ग्रामीणों ने आश्रम पर लाठी डंडे के साथ हमला कर दिया। आरोप है कि सरपंच पूर्णिमा देवांगन के प्रति पूरण देवांगन के चाचा के घर के सामने प्रकाश मुनि के बेटे ने पटाखे फोड़ दिए थे। असल में इसके पीछे पुरानी रंजिश थी। जिन लोगों पर आरोप है उनका संबंध कांग्रेस से है। यह भी आरोप लगा कि मेले के नाम पर 10 लाख रुपए का गबन करने और आसपास शराब मांस के विक्री का विरोध करने के कारण ही सुनियोजित तरीके से दीपावली की रात आश्रम पर हमले किए गए थे।
इधर इस मामले में गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को जमानत मिल जाने के बाद कबीर पंथियों द्वारा प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सोमवार को बड़ी संख्या में कबीरपंथी बिलासपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और आरोप लगाया कि सिमगा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए खाना पूर्ति की। इस कारण से उन्हें आसानी से जमानत मिल गई। कबीरपंथी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों के साथ बिलासपुर जिले में भी कबीर पंथियों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर अपना विरोध दर्ज कराया।