

पुलिस की डायल 112 सेवा लगातार अपनी उपयोगिता साबित कर रही है। कोटा 112 टीम को सूचना मिली कि एक 17 वर्ष की नाबालिक किशोरी पारिवारिक विवाद के बाद आत्महत्या की नीयत से रेलवे पटरी की ओर बढ़ रही है। मामले की गंभीरता को समझते हुए डायल 112 की टीम मात्र 8 मिनट में मौके पर पहुंच गई और ट्रेन आने के पहले ही किशोरी को सुरक्षित बचा लिया। फिर उसे समझाते हुए भविष्य में इस तरह का कदम ना उठाने की सलाह दी और परिजनों के सुपुर्द किया। परिजनों ने भी डायल 112 के आरक्षक सुरेंद्र कौशिक का धन्यवाद किया हैं। एसपी ने भी आरक्षक की प्रशंसा की है।

मामला नंबर दो
दूधमुंहे बच्चे को लेकर ट्रेन में सफर कर रही महिला ने जहर का सेवन कर लिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम ने उसकी जान बचाई। डायल 112 को सूचना मिली कि चकरभाटा रेलवे स्टेशन में रायपुर की ओर से आ रही ट्रेन में सफर कर रही महिला ने किसी कारण से जहर का सेवन कर लिया है। वह चकरभाठा रेलवे स्टेशन में उतर गई और उसकी हालत बेहद खराब थी। सूचना पाते ही कुछ ही मिनट में 112 की टीम पहुंच गई। आरक्षक धर्मेश बघेल और चालक दुर्गेश साहू ने तुरंत महिला को अस्पताल पहुंचाया। महिला के साथ उसका तीन माह का मासूम दूधमुंहा बच्चा भी था। पता चला कि पारिवारिक विवाद के चलते महिला ने जहर का सेवन किया था, लेकिन सही समय पर उसे बिलासपुर अस्पताल भर्ती कराकर उसकी जान बचाई गई

मामला नंबर 3
डायल 112 की मदद से वाहन में ही महिला ने दिया स्वस्थ शिशु को जन्म
सरकंडा थाना क्षेत्र के ग्राम उडतुम में गर्भवती लक्ष्मी को अस्पताल ले जाने के दौरान ही उसे प्रसव पीड़ा उठी तो 112 टीम के साथ महिला के परिजनों और ग्राम की मितानिनों ने वाहन में ही महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। इसी तरह तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम तेंदुआ की महिला नान बाई यादव का भी वाहन में ही सुरक्षित प्रसव हुआ। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती किया गया ।

एसपी रजनेश सिंह ने इस कार्य के लिए आरक्षकों की सराहना की है। उन्होंने आम लोगों से कहा है कि किसी भी अपराध, अपराधिक घटना, दुर्घटना या किसी भी विषम परिस्थिति में पुलिस की सहायता की जरूरत होने पर बिना किसी झिझक के डायल 112 पर कॉल करें ।पुलिस हमेशा आमजन की सहायता के लिए तत्पर है।
