भारत की दया दृष्टि से बना बांग्लादेश का आकार भारत के किसी प्रदेश से भी छोटा है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी चाहे तो कुछ ही पल में बांग्लादेश का नामोनिशान मिटा दे और वहां के कट्टरपंथी कार्यकारी प्रधानमंत्री भारत को ही चेतावनी दे रहा है। इसे कहते हैं चोरी और सीना जोरी। अमेरिकी और देश के विपक्ष की साजिश के साथ शेख हसीना का तख्ता पलट करने वालों का असली मकसद बांग्लादेश से हिंदुओं को खत्म करना है, और जब इसका विरोध किया गया तो फिर इस्लामी कट्टरपंथी विक्टिम कार्ड खेलने लगे। इसके विरोध में बिलासपुर में सफल जन आक्रोश रैली निकाली गई । बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हिंसक घटनाओं में अब तक सैकड़ो लोगों की जान जा चुकी है और इसे लेकर अभी तक भारत सरकार ने कोई कठोर कदम नहीं उठाया। इसके विरोध में मंगलवार को बिलासपुर में सर्व हिंदू समाज द्वारा आक्रोश मशाल रैली निकाली गई और अपना विरोध दर्ज कराया गया।
लगता है बांग्लादेश में भी नव तालिबान का उदय हो गया है, तभी तो छात्र आंदोलन के नाम पर शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद वहां जातीय हिंसा आरंभ हो गई है। हिंदू समाज को टारगेट कर उनकी हत्या और उनके धार्मिक स्थलों के अलावा घर और दुकान जलाये जा रहे हैं। इसे ले कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय खामोश है तो वही इस हिंसक घटनाओं पर अफसोस जाहिर करने की बजाय वहां के मुस्लिम नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस भारत को ही इस मामले में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दे रहे हैं, जिससे कम से कम भारत के युवाओं में आक्रोश देखा जा रहा है। बांग्लादेश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन और इस्लामी कट्टरपंत के विरुद्ध बिलासपुर में सर्व हिंदू समाज द्वारा आक्रोश रैली निकाली गई। गांधी चौक से हाथों में मशाल और काली पट्टी लगाकर युवाओं ने बांग्लादेश की घटना, वहां जारी हिंसा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ओर भारत से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
बिलासपुर के गांधी चौक से निकली आक्रोश रैली मुख्य मार्ग से होते हुए देवकीनंदन चौक पहुंची, जहां हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ कर आरती की गई और कहा गया कि पूरी दुनिया में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बंद हो। साथ ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मांग की गई कि भारत अपनी महाशक्ति का इस्तेमाल अब नहीं करेंगा तो कब करेगा।
पड़ोसी अदने से देश में हिंदुओं पर हिंसा हो रही है और भारत ना तो सामरिक शक्ति का इस्तेमाल कर रहा है और ना ही राजनीतिक एवं कूटनीतिक स्तर पर प्रयास हो रहे हैं ।भारत में कथित चाणक्य भी हाथ पैर हाथ धरे बैठे तमाशा देख रहे हैं, जिससे हिंदू समाज का विश्वास उनके प्रति कम हो रहा है। सर्व हिंदू समाज ने बताया कि बिलासपुर में जिस विरोध की शुरुआत हुई है, अब उसकी चिंगारी पूरे प्रदेश में फैल रही है और सभी जिलो और कस्बों में इस तरह के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हो रहे, ताकि भारत के नीति निर्धारकों की नींद खुले और इस मामले में कारगर प्रयास हो। बिलासपुर में निकाले गए आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में सनातनी युवा सम्मिलित हुए जो बांग्लादेश के खिलाफ जमकर गरजे। बिलासपुर में आयोजित जन आक्रोश रैली में बिलासपुर के अलावा आसपास के क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में युवा सम्मिलित हुए। विशेष बात यह कि इस जन आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में सनातनी महिलाएं भी सम्मिलित हुई, जिन्होंने कहा कि भारत में भी इसी तरह की ताकते सर उठाने का प्रयास कर रही है, जिन्हें संगठित हिंदू समाज ऐसा सबक सिखायेगा कि उनकी कई पुश्ते याद रखेंगी।