शनिवार को एसईसीएल के कुसमुंडा खदान में दोपहर बाद हुए तेज बारिश के चलते तेज बहाव में 4 अधिकारी बह गए। इनमें से तीन को तो बचा लिया गया जबकि एक लापता अफसर की लाश 16 घंटे बाद एसडीआरएफ टीम ने बरामद किया है।
इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि किस तरह से तेज बारिश के चलते अधिकारी बह गए। एक जगह पर चारों खड़े थे। तभी कुछ सेकेंड के अंदर ही वे बहने लगे। इस दौरान वे जोर-जोर से बचाने के लिए चिल्ला भी रहे थे। बताया जा रहा है कि कुसमुंडा खदान की गोदावरी कंपनी में यह हादसा हुआ है। दोपहर करीब 4:00 बजे भारी बारिश के चलते जल भराव की स्थिति के निरीक्षण के लिए SECL के शिफ्ट इंचार्ज जितेंद्र नागर अपने तीन साथियों के साथ निरीक्षण पर निकले थे। इसी दौरान अचानक तेज बहाव में मिट्टी के साथ पानी आने लगा, जिसमें चारों बहने लगे। तीन लोग किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर आ गए लेकिन शिफ्ट इंचार्ज जितेंद्र नागर नहीं निकाल पाए। इसके बाद बिलासपुर से एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई, जिन्होंने रात भर चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुसमुंडा खदान से ही लापता अफसर की लाश बाहर निकाली। उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे।
इधर इस संबंध में एसईसीएल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दिनांक 27 जुलाई 2024 को एसईसीएल कुसमुंडा मेगाप्रोजेक्ट में शाम 4.30 बजे भारी वर्षा होने के कारण खदान में कार्यरत 6 लोग पानी के बहाव में फस गए। इनमें से 5 लोग सुरक्षित रूप से निकलने में सफल रहे लेकिन जितेंद्र नागरकर, सहायक प्रबन्धक (माइनिंग) पैर फिसलने के कारण पानी के बहाव में बह गए। कुसमुंडा प्रबंधन ने तुरंत एक्शन लेते हुए बचाव कार्य शुरू किया एवं एसडीआरएफ़ की टीम की सहायता से नागर को निकालने का प्रयास किया ।
पिछले दो दिनों में कोरबा सहित पूरे राज्य में भारी बारिश हुई है। खदान में एक साथ भारी मात्रा में बारिश होने के कारण, पानी की निकासी के हयूम पाइप्स में मलबा जमा हो गया जिसके कारण पानी ओवरफ़्लो होने से यह घटना हुई है।