लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भले ही केंद्र में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन रही है लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है , इसलिए शुक्रवार को सभी प्रदेशों में समीक्षा बैठक आयोजित की गई, तो वहीं दिल्ली में संसदीय दल की बैठक में परिणाम पर आत्म मंथन किया गया।
1984 में भारतीय जनता पार्टी को केवल दो सीट मिले थे। इसके बाद 89 में 85, 1991 में 120, 1996 में 161, 1998 में 182, 1999 में एक बार फिर 182, 2004 में 138, 2009 में 116 सीट मिले थे । 2014 में मोदी युग का आरंभ हुआ। उस बार भाजपा को 282 सीट मिले। 2019 में भाजपा अपने दम पर 303 सीट हासिल करने में कामयाब रही। इसलिए भाजपा को उम्मीद थी कि इस बार उसे कम से कम 370 सीट मिलेगी, लेकिन नतीजे उम्मीद अनुरूप नहीं आए। जीत के बावजूद भारतीय जनता पार्टी परिणाम पर समीक्षा कर रही है।
छत्तीसगढ़ में भी रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे प्रदेश भाजपा कार्यालय में क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय ने प्रदेश के सभी लोकसभा प्रभारी, संयोजक, सहसंयोजक, जिला अध्यक्ष और विधानसभा प्रभारी की बैठक ली । जहां प्रदेश के 10 में से 11 सीट पर जीत के लिए सभी को बधाई दी गई , तो वहीं कोरबा में मिली हार पर भी मंथन किया गया । कोरबा लोकसभा सीट के आठ विधानसभाओं में केवल कोरबा विधानसभा से ही भाजपा को 52,000 की लीड मिली है, शेष सभी विधानसभाओं से भारतीय जनता पार्टी पिछड़ गई। इसकी क्या वजह है, इस पर चिंतन मनन करने के साथ जिम्मेदार पदाधिकारी से जवाब भी मांगा गया है। इस मौके पर अजय जामवाल ने कहा कि वर्तमान परिणाम से सबक लेते हुए आने वाले 20 साल यानी 2047 तक के लिए रोड मैप तैयार करना है ।
आने वाले समय में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं । देश में भी अलग-अलग हिस्सों में चुनाव होंगे । भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि देश में वन नेशन- वन इलेक्शन लागू हो , इसलिए अगले सभी चुनाव की तैयारी में हमेशा जुटे रहने का आह्वान किया गया। श्री जामवाल ने आगे कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अपने दम पर 300 से अधिक सीट लाने के लिए अभी से काम पर जुट जाना होगा। सभी चुनाव में भाजपा का लक्ष्य दो तिहाई सीट प्राप्त करना है, जिसके लिए जमीनी स्तर पर काम करने का आवाहन किया गया। वर्तमान लोकसभा चुनाव में विधानसभा वार जीत हार के 5 बिंदुओं का आकलन करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि भविष्य में उन कमियों को दूर किया जा सके।
इस बैठक में कोरबा विधानसभा प्रभारी वी रामा राव भी शामिल हुए, जिनके विधानसभा से सरोज पांडे को एक बड़ी लीड मिली है, इसके लिए उनकी सराहना की गई।