आकाश दत्त मिश्रा
कांग्रेस नेता और कुख्यात भू माफिया अकबर खान आखिरकार गिरफ्तार हो गया है। लंबे समय से फरार बताया जा रहा अकबर खान बुर्के में छुपते-छुपाते अपने घर पहुंचा था, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी हो गई ।
किसी ने सच कहा है कि वक्त से अधिक ताकतवर कोई नहीं है। कुछ महीने पहले ही जिस कांग्रेस नेता अकबर खान की तूती बोलती थी। थाने में उसकी बैठक और दबंगई चर्चा का विषय हुआ करती थी। वह लोग जो विधायक को भी सरेआम गाली गलौज दिया करते थे। सरकार बदलते ही उन्हें उसी पुलिस से भागना पड़ा। बिलासपुर के कांग्रेस नेता और भू माफिया अकबर खान को सरकंडा पुलिस ने उसके घर से आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया। दरअसल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष रज्जब अली आत्महत्या मामले में पुलिस को लंबे वक्त से उसकी तलाश थी। कारोबारी और कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष रपटा चौक चांटीडीह निवासी 56 वर्षीय बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर रज्जब अली की चांटीडीह में जमीन थी, जिस पर कब्जा करने और उसे प्रताड़ित करने के आरोप में अकबर खान और पूर्व पार्षद तैयब हुसैन पर एफआईआर हुई थी । रजब अली की जमीन पर दोनों कांग्रेसी नेता जबरन कब्जा कर रहे थे। रजब अली के इस पुश्तैनी जमीन पर 20 साल से पारिवारिक विवाद चल रहा था। इस दौरान अकबर खान और तैयब हुसैन ने जमीन का अवैध तरीके से सीमांकन करवा लिया और रजब अली को धमकाकर जमीन खाली करने को कहा।
इन दोनों की धमकी से तंग आकर रज्जब अली ने खुदकुशी कर ली थी और उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। जिसके बाद पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में एफआईआर किया था। अकबर खान पूर्व मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री के राइट हैंड का बेहद करीबी माना जाता है इसीलिए उसे लगता था कि उसके खिलाफ कभी भी कोई कार्रवाई नहीं होगी। वैसे अकबर खान पर यह इकलौता मामला नहीं है। ऐसे ही ना जाने उस पर कितने ही मामले हैं, जिन पर कार्रवाई होनी है।
जब तक कांग्रेस की सत्ता थी, पुलिस इन पर मेहरबान रही, लेकिन सत्ता बदलते ही इन्हें फरार होना पड़ा। दोनों ही कांग्रेस नेता लंबे समय से फरार बताए जा रहे हैं। इधर पुलिस का शिकंजा जरा सा ढीला हुआ तो अकबर खान ईद पर बुर्के में छुपता हुआ अपने घर पहुंचा लेकिन पुलिस को इसकी खबर मिल गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
वैसे तो कांग्रेस नेता अकबर खान पर न जाने कितने मामले हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में बाहुबली अकबर खान के खिलाफ कभी एफआईआर ही दर्ज नहीं हुई। जब एफआईआर दर्ज हुई तो कार्रवाई नहीं हुई। इधर पता चला कि जैसे ही अकबर खान की गिरफ्तारी हुई तो उसके समर्थक और कांग्रेसी सरकंडा थाना के घेराव के लिए पहुंच गए लेकिन पुलिस के आगे उनकी एक न चली ।