

बिलासपुर: शांति नगर कॉलोनी में मोबाइल टॉवर लगाने को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। कॉलोनीवासियों ने निजी कंपनी की जेसीबी मशीन को रोककर जोरदार प्रदर्शन किया और साफ कह दिया कि वे किसी भी हालत में चौथा मोबाइल टावर नहीं लगने देंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले से ही कॉलोनी में तीन मोबाइल टावर लगे हैं, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। रेडिएशन के खतरे को लेकर उन्होंने चिंता व्यक्त की है।
कॉलोनीवासी बताते हैं कि कॉलोनी में कैंसर, हार्ट डिजीज और सांस संबंधी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग पहले से मौजूद हैं। उन्होंने कहा, “हम बीमार हैं, हमारे बच्चे बीमार हो रहे हैं… और ये लोग हमें और बीमार करने आ रहे हैं।” एक वरिष्ठ नागरिक ने भी सवाल उठाया कि पहले से तीन टावर हैं, अब चौथे टावर की आवश्यकता क्यों?
विशेषज्ञ की सलाह:
सिम्स के रेडिएशन एक्सपर्ट डॉ. संतोष पटनायकुनी ने बताया कि मोबाइल टावर घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्कूल और अस्पताल से कम से कम 150 से 200 मीटर दूर होना चाहिए। फ्रिक्वेंसी 300 गीगा हर्ट्ज से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने चेताया कि रेडिएशन का बच्चों पर ज्यादा असर होता है और सिरदर्द, थकान, अनिद्रा के साथ-साथ कैंसर और अल्जाइमर जैसी बीमारियों की आशंका भी जताई गई है। हालांकि वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन जरूरी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
नगर निगम के विद्युत शाखा प्रभारी नीलेश पटेल ने कहा कि निगम सिर्फ एनओसी देता है, जबकि अंतिम अनुमति कलेक्टर कार्यालय से मिलती है। कॉलोनीवासियों ने कलेक्टर और निगम कमिश्नर को लिखित शिकायत भी दी थी। बावजूद इसके निजी कंपनी टॉवर लगाने के लिए जेसीबी मशीन लेकर पहुंच गई, जिस पर लोगों ने विरोध किया।
विरोध प्रदर्शन के बाद टॉवर लगाने की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है, लेकिन कॉलोनीवासियों का कहना है कि वे हर हाल में अपने स्वास्थ्य और परिवार की सुरक्षा के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन उनकी बात नहीं मानेगा तो वे सामूहिक धरना देंगे। साथ ही बारिश के मौसम में बिजली कनेक्शन से जुड़ी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई गई है।
शांति नगर कॉलोनीवासियों का स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति यह संघर्ष प्रशासन के लिए गंभीर संदेश है। यह मामला अब प्रशासनिक स्तर पर निर्णय का इंतजार कर रहा है।
