करीब 27 दिन पहले तखतपुर क्षेत्र के जोरापारा में रहने वाले योगेश खांडेकर की लाश फांसी के फंदे पर लटकती मिली थी। परिजन उसी दिन से दावा कर रहे थे कि उसकी हत्या की गई है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट कह रही थी कि उसने आत्महत्या की है, लेकिन परिजनों ने बिलासपुर पहुंचकर हंगामा मचाया तो पुलिस ने भी उनकी थ्योरी पर मोहर लगाते हुए योगेश खांडेकर के ही साथी नरेंद्र सिंह ठाकुर को गिरफ्तार कर दिया लिया। बताया गया कि योगेश और नरेंद्र सिंह बिलासपुर गए थे रास्ते में लौटते वक्त नरेंद्र ने अपना आईफोन योगेश को दिया था जो उससे खो गया था। इसी बात पर जब नरेंद्र सिंह ने हंगामा मचाया तो डर के मारे नरेंद्र ने फांसी लगा ली, लेकिन परिजन इस थ्योरी को मानने को तैयार नहीं थे। परिजन तो मृतक के दोबारा पोस्टमार्टम के लिए भी तैयार नहीं हुये, लेकिन अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए उन्होंने पोस्टमार्टम के बाद सिम्स से योगेश का शव लेने से मना कर दिया। इस तरह योगेश खांडेकर का शव पिछले 27 दिनों से सिम्स के मर्चुरी में ही रखा हुआ था।
होली पर परिजनों का हृदय परिवर्तन हुआ और परिजन उसके अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए । इसके बाद मंगलवार को बड़ी संख्या में पहुंचे परिजनों ने योगेश खांडेकर के शव को मर्चुरी से प्राप्त किया। हालांकि अब भी योगेश के परिजन अपनी बात पर अडिग है कि उसकी हत्या की गई है और हत्यारे एक से अधिक है , जिन्हें पुलिस राजनीतिक दबाव में बचा रही है । साथ ही इन लोगों ने योगेश को अंतिम सांस तक लड़ाई लड़कर न्याय दिलाने की बात दोहराई है।