

दिनेश कुमार गुप्ता तार बाहर एफसीआई गोदाम के पास रहते हैं। उनकी पहचान रंजन प्रसाद के साथ थी, जिसने उन्हें बताया था कि बैंक द्वारा सीज की हुई संपत्ति कम कीमत में दिलाने का वह काम करता है। उसने यह भी बताया था कि राजकिशोर नगर एसबीआई बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर वह यह काम करता है। इसी दौरान रंजन प्रसाद ने दिनेश कुमार गुप्ता को यह जानकारी दी की एक व्यक्ति ने हाउसिंग फाइनेंस डिवीजन कंपनी से लोन लेकर रामा वर्ल्ड बिलासपुर में मकान नंबर सी- 39 खरीदा था लेकिन वह लोन नहीं पटा पा रहा है, इसलिए बैंक उस मकान को सीज कर 60 से 70 लाख रुपए में बेच रही है। लेकिन रंजन प्रसाद ने यह झांसा दिया कि वह गुप्ता जी को वही मकान 40 लाख रुपए में दिला देगा ।

उक्त मकान से संबंधित विज्ञापन और फर्जी दस्तावेज दिखाकर उसने कथित फाइनेंस कंपनी के नाम पर दिनेश गुप्ता से नगद और चेक के माध्यम से 11 लाख रुपए ले लिए लेकिन मकान नहीं दिलाया। इसकी शिकायत थाने में की गई ,जिसके बाद से आरोपी रंजन प्रसाद पुलिस से लुकता छिपता फिर रहा था। पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर रंजन प्रसाद को गुलाब नगर मोपका से धर दबोचा गया। पुलिस को सूचना मूकबीर से मिली थी। बताया जा रहा है कि उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
