छग शिक्षक संघ प्रांत स्तरीय अभ्यास वर्ग

आकाश दत्त मिश्रा

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ का प्रांतीय अभ्यास वर्ग कार्यक्रम डोंगरगढ़ में दिनांक 24 एवं 25 फरवरी 2024 को आयोजित किया गया जिसका दीप प्रज्वलन के साथ अभ्यास वर्ग का उद्घाटन हुआ मुख्य वक्ता के रूप में तोप लाल वर्मा प्रांत सहसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि छ ग शिक्षक संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है इसके लिए राष्ट्र हित सर्वोपरी होता है वहीं कार्यक्रम की अध्यक्ष जागेश्वर निषाद खंड सहसंघचालक ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है हम सभी को उस आदर्श को पुनर्स्थापित करना है।


इस अवसर पर संयोजक मंडल के सदस्यों में छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष दानीराम वर्मा,दिलीप केसरवानी, सुधीर गौतम, नान्ही दास दीवान, आकाश परिहार की उपस्थिति में अपने कार्यों की समीक्षा करते हुवे कहा गया कि छग शिक्षक संघ के प्रयासों से और बार बार पूर्व मुख्य मंत्री रमन सिंह से मिलकर चर्चा उपरांत शिक्षाकर्मी के शिक्षा विभाग में संविलयन करने का निर्णय लिया गया था। इस कार्यशाला उपरांत बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिला और विकासखंड स्तर पर सदस्यता अभियान चलाकर संविधानुसार निर्वाचन करवाया जाएगा और उसके बाद विभाग और प्रान्त कार्यकारिणी का निर्वाचन किया जाएगा इसके बाद विभिन्न लंबित शिक्षकों के प्रकरणों जैसे नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता की गणना,पूर्व पेंशन प्रणाली, जैसे विभिन्न विसंगतियों को मुख्यमंत्री से मिलकर उसके निराकरण हेतु प्रयास किया जाएगा इस अवसर पर मनीष देवांगन, हरिराम जायसवाल, वीरेंद्र देवांगन, राजेश सिंह, नरेंद्र राजपूत, वीरेंद्र देवांगन, शैलेन्द्र राठौर , अत्रि प्रताप सिंह, स्वारथ जायसवाल दयाल साव, युधिष्ठिर बुडेक, नरेन्द्र सिंह ठाकुर के साथ मातृशक्ति श्रीमति जयंती दुबे, श्रीमति गीता जायसवाल, श्रीमति सुषमा ठाकुर, श्रीमति हेमलता शर्मा, श्रीमती निशा पटेल, श्रीमती तृप्ता जोशी एवं सरस्वती शिशु मंदिर डोंगरगढ़ के प्राचार्य प्रकाश यादव की उपस्थिति रही के साथ साथ 120 शिक्षकों की उपस्थिति में दो दिवसीय अभ्यास वर्ग का शुभारंभ हुआ जिसमें से विभिन्न संभागों से आए संभाग प्रभारी ने इस अभ्यास वर्ग के सूत्र को विभिन्न भागों में बांटा गया। जिसमें संगठन की स्थापना, संगठन की रीति नीति, संगठन का इतिहास और संगठन के मातृशक्ति का महत्व प्रमुख है। इस अवसर पर मुंगेली से कार्यशाला में सम्मिलित आकाश परिहार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत मे शिक्षक को गुरु की संज्ञा दी जाती रही है और उसे भगवान से भी ज्यादा सम्मान दिया जाता रहा है पर समय के साथ शिक्षक के सम्मान में गिरावट हुआ है इसके कुछ रूप से स्वयं शिक्षक भी जिम्मेदार है यदि अपने राष्ट्र और शिक्षा के निस्वार्थ सेवा से अपने सम्मान को समाज मे पुनर्स्थापित कर सकता है उसके लिए हमें सगठित प्रयास करना चाहिए और शिक्षक संघ इस कार्य को करेगा। वहीं कार्यक्रम के दौरान राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिक्षकों को छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के अचार पद्धति से परिचय कराया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!