बेघर बार बुजुर्ग महिला खुले आसमान के नीचे गुजार रही जीवन, किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने नहीं ली सुध

आशिक खान, सूरजपुर

सूरजपुर जिले के रामानुजनगर जनपद कार्यालय के साईकिल स्टेण्ड के छत के ऊपर के बुजुर्ग महिला विगत कई महीनो से निरंतर आवासीय रूप से रह रही हैं जबकि चढ़ने उतरने का कोई सीढ़ी नहीं हैं उसके बाद भी कैसे ऊपर छत पर चढ़कर रहती हैं तथा सोती भी है, किन्तु इतना समय होने के बाद आज तक जनपद के अधिकारी या कर्मचारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया की जो महिला साईकिल स्टेण्ड के छत मे आवासीय रूप से रहती हैं सोती हैं वह विक्षित है या उसे कोई उनके परिवार के लोग घर से निकाल दिए,
आखिर उसे परेशानी क्या है, आज तक उसके बारे मे किसी जनप्रतिनिधि या जनपद के जिम्मेदार लोगों ने पूछना भी उचित नहीं समझा हैं अपितु वह महिला कहा की हैं कहा से आई और कियू छत पर रह रही है यह एक बड़ा सवाल हैं,

लेकिन हादसा से इंकार नहीं किया जा सकता
आपको यह बता दू की बुजुर्ग महिला जो हमेशा साईकिल स्टेण्ड मे रहती है वो भी छत पर,, जो हमेशा उतरती चढ़ती हैं ऐसे मे हाथ पैर के फिशलने की की वजह से बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता, कभी भी बुजुर्ग महिला को चोटिल होने की अवस्था मे जनपद कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियो की जवाबदेही निश्चित तय होंगी,
लेकिन इसके बाद भी जनपद मुख्यालय मे पदस्थ अधिकारियों के द्वारा ऐसे मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है जो अनुचित हैं,
वहीं कुछ लोगों द्वारा महिला को देखने के बाद खबर मिडिया को दी,था सरपंचो ने महिला को छत से उतारकर कही पर स्थाई रूप से स्थान देने की मांग की हैं, या उसे उसके परिवार जनों को सुपुर्द करने की बात की जिससे महिला सुरक्षित हो रह सके,,
अब यह स्पष्ट नहीं हो पाया की बुजुर्ग महिला विक्षित हैं या बुजुर्ग हैं, वह खाना बनाती हैं या कही से भोजन की व्यवस्था उसे मिल जाता हैं ।

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