44 सालों से भाजपा के लिए सक्रिय राजनीति कर रहे मुंगेली के प्रेम आर्य ने भी लोकसभा के लिए ठोका दावा, कहा- पार्टी 44 साल के समर्पण का दे सकती है इनाम

आकाश दत्त मिश्रा

लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती बस शुरू ही होने वाली है, इसलिए राजनीतिक जगत में इस चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है । उम्मीदवारों ने भी अपने-अपने भाग्य आजमाने शुरू कर दिये है। हालांकि उम्मीदवारों के सामने चुनौतियां भी है । भाजपा नेताओं के लिए तो जीत – हार शायद ही कोई हो, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व और अयोध्या में रामलला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद तो भाजपा की बम्पर जीत सुनिश्चित दिख रही है ।उम्मीदवारों को भी पता है कि जिसे भाजपा का टिकट मिलेगा, उसकी नैय्या तो मोदी नाम से ही पार हो जाएगी, इसलिए असली चुनौती टिकट हासिल करने को लेकर ही है। छत्तीसगढ़ के सभी 11 लोकसभा सीटों पर भाजपा इस बार जीत के दावे कर रही है। वैसे भी छत्तीसगढ़ में भाजपा का दबदबा रहा है । पिछले चुनाव में 11 में से 9 सीट भाजपा के खाते में गए थे ।कोरबा और बस्तर सीट को भी इस बार समेटने की तैयारी है ।


वही परंपरागत रूप से बिलासपुर लोकसभा सीट भाजपा के लिए मुफीद रही है। बिलासपुर लोकसभा में भाजपा की सुनिश्चित जीत को देखते हुए उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त सामने आई है। दो दिन पहले बिलासपुर पहुंचे पर्यवेक्षकों के सामने 50 से अधिक आवेदन सामने आए, जिनमे कई पुराने तो कुछ नए नाम शामिल हैं। जीत की प्रबल संभावना को देखकर नए-नए नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें कई धुरंधर तो कुछ बिल्कुल नये नवेले चेहरे हैं। बिलासपुर लोकसभा सीट से विगत कुछ वर्षों से ओबीसी उम्मीदवार को अवसर दिया जा रहा है, तो वहीं पुन्नूलाल मोहले , लखनलाल साहू और अरुण साव के रूप से मुंगेली के उम्मीदवार को प्राथमिकता दी गई। बिलासपुर लोकसभा सीट में केवल दो ही विधानसभा मुंगेली जिले से शामिल है, इसके बावजूद मुंगेली के उम्मीदवार को लोकसभा चुनाव में टिकट देना परंपरा बन चुकी है। यही वजह है कि इस बार भी मुंगेली से ही बिलासपुर लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार चुने जाने की संभावना जताई जा रही है, इसलिए कई नाम सामने उभर कर आए हैं।

इस बार मुंगेली के जो दावेदार सर्वाधिक चर्चा में है उनमें प्रेम आर्य का नाम सबसे आगे है। करीब 44 साल से भाजपा के लिए समर्पित और राजनीति में सक्रिय प्रेम आर्य शायद पार्टी की पहली पसंद बन सकते हैं। इसके पीछे कई आधार है। छात्र जीवन से ही भाजपा से जुड़े प्रेम आर्य पूरे लोकसभा क्षेत्र में व्यापक जन आधार रखते हैं। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी मुंगेली जिला कोषाध्यक्ष प्रेम आर्य छत्तीसगढ़ चैंबर आफ कमर्स इंडस्ट्री के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। साथ ही वे सक्रिय पत्रकार भी हैं।
1981 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मुंगेली इकाई नगर संयोजक रहे, प्रेम आर्य छात्र राजनीति में जाने पहचाने चेहरे थे, जो एबीपी जिला संयोजक और अविभाजित मध्य प्रदेश में प्रदेश मंत्री भी थे। 1990 के बाद से करीब 8 साल तक वे खेम सिंह बारमते के विधायक प्रतिनिधि भी रहे। 1992 में मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम में सलाहकार मंडल के भी सदस्य रहे। 1992 में नगर पालिका परिषद मुंगेली में वे मनोनीत पार्षद बने । इसके बाद वे निरंतर राजनीतिक और सामाजिक रूप से सक्रिय रहे। इसी बीच 2010 से 2023 तक उन्होंने मुंगेली चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष की भूमिका बखूबी निभाई। 2004 से 2013 तक राज्य पर्यटन मंडल के सलाहकार सदस्य रहे। 2012 से 2021 तक छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स मुंगेली इकाई के अध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में भी छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष है। 34 वर्षों से अधिक समय तक उन्होंने सक्रिय पत्रकारिता की है। वर्तमान में वे सेतगंगा मंडल के संगठन प्रभारी है।

इस बार लोकसभा चुनाव में दावेदारी कर रहे प्रेम आर्य मजबूत दावेदार साबित हो सकते हैं ।उनका कहना है कि अगर पार्टी उन्हें अवसर देती है और वे जीत कर आते हैं तो वे पूरे लोकसभा क्षेत्र के सभी बूथों पर भाजपा कार्यालय का अपना निजी भवन बनाएंगे। 10 साल पुराने कार्यकर्ताओं को निश्चित रूप से पद दिया जाएगा। जिन बूथों पर सर्वाधिक लीड मिलेगी, वहां बूथ अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियो को प्रधानमंत्री निवास पर ले जाकर उनका अभिनंदन कराया जाएगा। यहां तक कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उस बूथ अध्यक्ष के घर जाकर भोजन करेंगे । ऐसे निष्ठावान पदाधिकारी को प्राथमिकता के तौर पर बड़ा पद दिया जाएगा। साथ ही प्रत्येक बूथ पर अपना सांसद प्रतिनिधि बनकर मोदी सरकार की योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचाने की भी बात वे कहते हैं। भाजपा के लिए पिछले 44 सालों से सक्रिय राजनीति कर रहे प्रेम आर्य का मानना है की मांग के बावजूद विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से किसी पर भी सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। अगर लोकसभा चुनाव में प्रेम आर्य को भाजपा टिकट देती है तो सिंधी समाज की एक बड़ी शिकायत भी दूर होगी। इसी के साथ उन्हें पत्रकारों, व्यापारी जगत और समाज के अन्य वर्गों का भी व्यापक समर्थन एवं साथ मिलेगा। इसीलिए वे अपनी दावेदारी को प्रबल बता रहे हैं । मुंगेली के अलावा पूरे प्रदेश में उनकी पकड़ मजबूत बताई जाती है। प्रदेश के दिग्गज मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बेहद करीबी प्रेम आर्य शहरी और ग्रामीण दोनों इलाको में बराबर लोकप्रिय है।

अपनी शुरुआती राजनीतिक सफर से आज तक उन्होंने जिस तरह से आम लोगों की हर स्तर पर मदद की है, उस वजह से भी प्रेम आर्य स्वाभाविक रूप से दावेदार बन सकते हैं। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित नजर आ रही है। जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ही काफी है। ऐसे में अगर प्रेम आर्य जैसे किसी अजातशत्रु को भाजपा अवसर देती है तो यह जीत और बड़ी हो सकती है। 44 साल के राजनीतिक जीवन के बावजूद प्रेम आर्य ने अपने राजनीतिक दामन को हमेशा साफ रखा और एक सफल व्यापारी के साथ सफल राजनीतिक भी सिद्ध हुए हैं, जिनके लिए शायद यह आखरी अवसर होगा। जिस तरह से पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मुंगेली के प्रत्याशियों को प्राथमिकता दी है, उसके चलते अगर इस बार भी पार्टी प्रेम आर्य को टिकट देती है तो शायद ही किसी को हैरानी होगी।

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