यूनुस मेमन
धार्मिक नगरी रतनपुर मे वन विभाग का हाल बेहाल आज से महज 4 से 5 वर्ष पहले अखबारों में रतनपुर में तेंदुए की धमक नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित हुआ करती थी । बिलासपुर वन मंडल में रतनपुर परिक्षेत्र की हरियाली एवं घने जंगल माँ महामाया की पावन नगरी में आगंतुकों का बरबस ही मन मोह लिया करते थे। बानाबेल एवं पूडू के घने जंगल जंगली जानवरों के सुरक्षित आवास हुआ करते थे परंतु यह केवल अब स्वप्न सा प्रतीत होता है। महज 4 से 5 वर्षों में आज रतनपुर के घने जंगलों के स्थान पर ठूंठ शेष रह गए हैं। जहां पहले गहरी हरियाली एवं पक्षियों की चहचहाहट गूंजा करती थी वहां अब अतिक्रमण एवं मानवीय शोरगुल शेष रह गए हैं वन क्षेत्र की नदियों से अवैध रेट उत्खनन कर ले जाते हुए दर्जनों ट्रैक्टर देखे जा सकते हैं रतनपुर परिक्षेत्र में इतनी तेजी से हरियाली का नष्ट होना उच्च अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है।
घटनाएं जो वन के अवैध अति दोहन एवं अधिकारियों की उदासीनता दर्शाता है
1 बानाबेल परिवृत्त में 200 एकड़ क्षेत्र में अतिक्रमण की शिकायत हुई पर विगत दो वर्षों से जांच लंबित है2 बानाबेल परिवृत में 3 वर्ष पुराने 300 एकड़ से अधिक सागौन पौधोंरोपण को साफ कर खेत बना लिया गया है 3 खैरा रतनपुर मेन रोड से लगे जंगल को महज 6 माह पूर्व उजाड़ कर दो दर्जन से अधिक झोपड़ीनुमा पक्के मकान बना लिए गए हैं इन अतिक्रमणों को आज तक नहीं हटाया गया है4छतौना के घने साल वृक्ष के क्षेत्र में अब इक्का-दुक्का ही साल वृक्ष दिखाई दे रहे हैं5 खैरा से पूडू जाने वाले रोड किनारे के घने जंगल अब ठूंठ में परिवर्तित हो गए हैं6 छतौना के कक्ष क्रमांक 2551 वन भूमि में अंधाधुंध अवैध कटाई कर जेसीबी मशीन द्वारा सफाई कर अतिक्रमण किया गया है आदिवासी नेता उर्मिला सिंह मार्को द्वारा शिकायत किया गया था परंतु आज तक कार्यवाही शून्य है 7 फर्जी पट्टा वितरण की सैकड़ो शिकायतें की गई है परंतु उन पर कार्यवाहियां शून्य है
तीन वर्ष से भ्रष्ट अधिकारी या प्रभारियों के भरोसे रतनपुर रेंज
रतनपुर रेंज की दुर्दशा का मूल कारण यहां पिछले तीन-चार वर्षों से स्वच्छ छवि वाले रेंजर्स की पदस्थापना का ना होना है जिन अच्छे रेंजर्स की पदस्थापना हुई कमीशन खोरी के चक्कर में उन्हें हटा दिया गया और रतनपुर रेंज को प्रभारी के भरोसे सौंप दिया गया।