


ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) द्वारा छत्तीसगढ़ के महान संत बाबा गुरु घासीदास जी का प्रागट्य दिवस मनाया गया और उनके बताए मार्ग को आत्मसात करने की बात की गई ।
इस अवसर पर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि सन्त ,देश , समाज और काल खंड से ऊपर होते है ,उनके विचार कालजयी होते है ,ऐसे ही महान समाज सुधारक ,सन्त शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी ने सतनाम पंथ चलाकर छत्तीसगढ़ में व्याप्त सामाजिक कुरूतियो को मिटाने का काम किये ,बाबा ने अपने सात सिद्धान्तों को प्रतिपादित किया ,जिसे उनके अनुयायी पंथी लोक नृत्य के माध्यम से जन कल्याण के लिए प्रसारित-प्रचारित करते है , आज भी उनके विचारों को अपना कर एक स्वस्थ और विकसित समाज की स्थापना की जा सकती है ,।
संयोजक ज़फ़र अली, एसएल रात्रे, हरीश तिवारी ने कहा कि सतनामी समाज का उल्लेख 1672 में मुगल-सतनामी युद्ध से मिलता है , उनका पंजाब से विस्थापन हुआ और एक परिवार छत्तीसगढ़ आ गया ,उसी परिवार में बाबा गुरु घासीदास जी का जन्म 18 दिसम्बर 1756 को हुआ , बाबा ने छाता जंगल को अपना तपोभूमि बनया और कैवल्य ज्ञान प्राप्त होने के पश्चात अपना जीवन ईश्वर की आराधना और समाज सुधार में व्यतित किये ,उन्होंने सत्य पर चलने पर जोर दिया और उस पथ पर चलने वाले अनुयायी सतनामी कहलाये ,
उन्होंने जीव हत्या, मांस भक्षण, शराब पीना, व्यभिचार सामाजिक भेदभाव को दूर कर सत्य पर चलने की शिक्षा दी ,सामाजिक समरता लाने में बाबा का योगदान अविस्मरणीय है।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,एसएल रात्रे, ज़फ़र अली, हरीश तिवारी,माधव ओतलवार, त्रिभुवन कश्यप, ऋषि पांडेय,विनोद साहू,जगदीश कौशिक, सीमा घृटेश, सुभाष ठाकुर,ब्रजेश साहू, राम दुलारे रजक,चंद्रहास केशरवानी, मनोज शर्मा, मनोज सिंह, राजेश ताम्रकार, अफरोज बेगम, सुदेश नन्दिनी, पुष्पा शर्मा,चंद्रहास शर्मा, राजेश शर्मा, सुभाष सराफ,गणेश मेरसा, गणेश रजक,राजेश केसरी,भरत जोशी,गौरव एरी आदि उपस्थित थे।