प्रवीर भट्टाचार्य
आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम लला के भव्य मंदिर का शुभारंभ होना है। देश भर में अयोध्या के राम मंदिर की चर्चा इन दिनों है । इसी मौके पर तीन पूर्व सैनिक अयोध्या से लेकर श्रीलंका तक राम वन गमन पथ यात्रा पर निकल पड़े हैं। करीब 5500 किलोमीटर की यह दूरी साइकिल से नापी जा रही है।
क्या है यात्रा का उद्देश्य
सनातन के संदेश के साथ पर्यावरण सुरक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता और साइकिल के प्रति जन जागरूकता लाने के उद्देश्य से यह यात्रा की जा रही है। शनिवार को यात्रा पर निकले साइकिल यात्री पेंड्रा रतनपुर होते हुए बिलासपुर पहुंचे, जहां वे रात्रि विश्राम कर अगले दिन शिवरीनारायण के रास्ते आगे की यात्रा पर निकल पड़ेंगे।
कौन है सायकल यात्री
इस यात्रा पर निकले तीनों साइकिलिस्ट में कई सारी समानताएं है। तीनों ही नासिक महाराष्ट्र से है, जिनकी पृष्ठभूमि भारतीय सेना है। तीनों ही 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं। आर्मी के रिटायर्ड कर्नल शिवनारायण मिश्रा 63 वर्ष के हैं, तो वही सूबेदार उल्लास कुलकर्णी भी उन्हीं के हम उम्र है । इस यात्रा पर उनके सहयात्री एयर फोर्स के रिटायर्ड फौजी डॉक्टर साहेब राव कासव 65 वर्ष के है, जिनका मानना है की उम्र केवल एक आंकड़ा है। तीनों दिल से भी जवान है और सेना के जवान तो वे है ही।
नासिक से ट्रेन के माध्यम से अयोध्या पहुंचने के बाद 24 नवंबर 2023 को तीनों साइकल यात्रियों ने अपनी यह यात्रा रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन के साथ की। पवित्र स्नान के बाद वे वहां से उस पथ पर निकल पड़े, जिस पथ से प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी अयोध्या से वन पहुंचे थे और फिर रावण का संहार करने श्रीलंका गए थे।
हर दिन कर रहे हैं 100 से 120 किलोमीटर की यात्रा
हर दिन सुबह 6:00 से लेकर सूरज डूबने तक यह अपनी यात्रा जारी रखते हैं ।औसतन 120 किलोमीटर की यात्रा हर दिन पूरी की जा रही है। किसी- किसी दिन तो इन्होंने 150 किलोमीटर की भी दूरी तय कर ली।
कहते हैं यात्रा में सामान जितना कम हो,गा यात्रा उतनी सुखद होगी । इसी मूलमंत्र के साथ इनके पास नाम मात्र के कपड़े और कुछ बेहद जरूरी सामान के साथ कुल मिलाकर 15 किलो की सामग्री होगी, जिसमें साइकिल मरम्मत के उपकरण भी शामिल है। विशेष यूनिफार्म के साथ कर्नल शिवनारायण मिश्रा, डॉक्टर साहेब राव कासब और सूबेदार उल्लास कुलकर्णी जिस भी शहर पहुंच रहे हैं, वहां लोग उनका भव्य स्वागत और सत्कार कर रहे हैं। राम वन गमन पथ यात्रा पर निकले साइकल यात्रियों का स्वागत केवल सनातनी ही नहीं अन्य धर्म के लोगों द्वारा भी की जा रही है।
बिलासपुर पहुंचने पर भी हुआ आत्मीय स्वागत
अब तक 914 किलोमीटर की साइकिल यात्रा पूरी कर तीनों जब बिलासपुर पहुंचे तो यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, छत्रपति शिवाजी राजे सेवा समिति और पूर्व सैनिकों के लिए समर्पित संस्था सिपाही द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया। सिपाही संस्था के प्रमुख महेंद्र प्रताप सिंह राणा के निवास पर रात्रि विश्राम और भोजन की व्यवस्था की गई। इस अवसर पर महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने वादा किया कि चुनाव के नतीजे के बाद वे भी इनके सहयात्री बनकर आगे की यात्रा में साथ निभाएंगे।
इससे पहले भी कई बार कर चुके हैं साइकिल से देशभर की यात्रा
मीडिया से चर्चा करते हुए कर्नल शिवनारायण मिश्रा ने बताया कि उनकी यह टीम पहले भी कई साइकल यात्रा कर चुकी है, जिसमें नर्मदा परिक्रमा, गोदावरी परिक्रमा, मनाली से लेह तक, त्रयंबकेश्वर से पशुपतिनाथ , मुक्तिनाथ मंदिर तक की यात्रा शामिल है। कर्नल शिव नारायण मिश्र ने तो कई सोलो यात्रा भी की है, जिनका मानना है कि साइकिल केवल आवागमन का सस्ता एवं सुलभ साधन ही नहीं है बल्कि इससे अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है ।यह अपने आप में एक पूरा व्यायाम है। तो वही साइकिल चलाने से पर्यावरण की रक्षा होती है और बेशकीमती ईंधन की भी बचत होती है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में बेंगलुरु के बाद नासिक में ही साइकिल कल्चर बेहद प्रभावी है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे सप्ताह में कम से कम एक दिन साइकिल अवश्य चलाएं ।
लोगों का मिल रहा है भरपूर प्यार
अब तक का सफर बिना किसी कठिनाई के संपन्न हुई है , तो वहीं अधिकांश स्थानों में देशवासियों ने इनका उत्साह वर्धन करते हुए आत्मीय स्वागत किया है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के बावजूद तीनों साइकल यात्रियों का उत्साह और जीवटता देखते ही बनती है, जिनका मानना है कि वे 50 दिनों में अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे । भारत में रामेश्वरम तक साइकिल यात्रा करते हुए आगे की यात्रा वे फेरी या इस्टीमर के माध्यम से करेंगे। जहां एक बार फिर श्रीलंका की धरती पर पहुंचते ही अशोक वाटिका, रावण की लंका तक की यात्रा साइकिल से ही की जाएगी, जिन्हें उम्मीद है कि श्रीलंका में भी उन्हें ऐसा ही उत्साह वर्धन किया जाएगा, जैसा कि भारत में किया गया।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम पिता के आदेश का पालन करने अयोध्या से वनवास के लिए निकल पड़े थे, आगे नियति उन्हें श्रीलंका तक खींच कर ले गई। जिस- जिस रास्ते से वे गुजरे थे, उसी रास्ते पर तीनों साइकिल यात्री निकल पड़े हैं। भगवान श्री राम ने जिस आदर्श की स्थापना पूरे विश्व में की, उससे नई पीढ़ी को परिचित कराने 60 साल के तीन जवान एक महान उद्देश्य से निकल पड़े हैं, जिन्होंने अब तक कई ऐसे पवित्र स्थलों के दर्शन किए हैं, जिनसे भगवान श्री राम , सीता माता और लक्ष्मण जी की स्मृति जुड़ी हुई है। तीनो इससे अभिभूत है , जिनका मानना है कि आगे की यात्रा और भी रोचक और उत्साह वर्धक होगी।
बिलासपुर पहुंचने पर कर्नल शिवनारायण मिश्रा, डॉक्टर साहेब राव कासव और सूबेदार उल्लास कुलकर्णी का भव्य स्वागत किया गया। रात्रि विश्राम के पश्चात रविवार को उनकी यात्रा बिलासपुर से आगे रवाना होगी।