इंद्र के अहंकार को तोड़ने और गोवर्धन पर्वत रूपी प्रकृति को सम्मान देने के उद्देश्य से भगवान श्री कृष्ण ने जो लीला रची थी उसी को नमन करते हुए मंगलवार को गोवर्धन पूजा की गई। अन्नकूट के इस महापर्व पर शहर के कई मंदिरों में विशेष आयोजन हुए। इन्हीं में से एक बिलासपुर के सदर बाजार स्थित प्राचीन श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में भी गोवर्धन और अन्नकुट पूजा की गई। इस अवसर पर पुरुष सूत श्री सूत से भगवान का अभिषेक किया गया। वस्त्र एवं विशेष आभूषणों और फूलों से भगवान का श्रृंगार किया गया।
इस अवसर पर विशेष व्यंजनों का 56 भोग से महाप्रसाद भगवान को अर्पित किया गया। दोपहर को भगवान की महा आरती की गई और फिर दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक विशाल भंडारा किया गया। इस कार्यक्रम में मंदिर संचालक श्री प्रपन्न मिश्रा, सुभाषिनी मिश्रा, पंडित गोपाल शरण मिश्र, दुर्गेश शुक्ला ,संतोष तिवारी, संकल्प शुक्ला, गोपाल के अलावा बड़ी संख्या में यजमान और भक्त शामिल हुए।